India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi School Bomb Threat: दिल्ली-NCR के 200 से ज्यादा स्कूलों में बम की धमकी के मामले की जांच आतंकी संगठन IS और पाकिस्तानी खुफिया इकाई ISI के बीच बढ़ रही है। जांच एजेंसियों को चकमा देने के लिए IS प्रॉक्सी सर्वर और ऐसे इंटरनेट नेटवर्क का इस्तेमाल करता है, जो कहीं से भी दूसरे देश का आईपी आसानी से दिखा सकता है। इस धमकी भरे ईमेल में भी यही किया गया है। साथ ही रूसी कनेक्शन सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल यूनिट के विशेषज्ञ आतंकी संगठनों द्वारा आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले वीपीएन नेटवर्क की जांच कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि इससे पहले साल 2023 में भी दिल्ली के एक स्कूल को धमकी भरा ईमेल भेजने का मामला सामने आया था। उस दौरान भी रूसी कनेक्शन सामने आया था। इस बार भी धमकी का पैटर्न वही है। 28 नवंबर 2022 और 12 अप्रैल 2023 को सादिक नगर के एक स्कूल को ईमेल के जरिए धमकी मिली थी। हालांकि इस मामले की जांच अभी भी उलझी हुई है।
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दरअसल, जिस ईमेल आईडी johnfoster tutanota.com से धमकी मिली थी, उसका IMEI और एंड्रॉयड आईडी जर्मनी का था। उस समय इंटरपोल के जरिए जर्मनी से मिले जवाब में कहा गया था कि उनके पास इस IMEI और एंड्रॉयड आईडी का कोई रिकॉर्ड नहीं है। संदेह है कि ईमेल भेजने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल किया गया होगा।
दिल्ली-एनसीआर के 200 से अधिक स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी के मामले का पता लगाने के लिए इंटरपोल के जरिए रूसी मेल सेवा कंपनी Mail.ru से संपर्क किया। यह जानकारी आधिकारिक सूत्रों ने दी है। पुलिस ने इंटरपोल के जरिए जानकारी हासिल करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को भी पत्र लिखा है। बुधवार को एक के बाद एक स्कूलों को ईमेल से धमकी मिलने से डर का माहौल बन गया।
स्कूलों में बम की झूठी सूचना देने के मामले में दिल्ली पुलिस ने इंटरपोल के जरिए जानकारी हासिल करने के लिए सीबीआई को भी पत्र लिखा है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि सीबीआई को नेशनल सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंडिया भी कहा जाता है और इसे इंटरपोल इंडिया के नाम से भी जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि सीबीआई दिल्ली पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी इंटरपोल को भेज सकती है और फिर इंटरपोल इसे सभी सदस्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को भेजेगा। जांचकर्ता मामले को सुलझाने के लिए इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) और इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) समेत अन्य एजेंसियों की भी मदद ले रहे हैं। मामले में स्पेशल सेल थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 505 (2) (वर्गों के बीच दुश्मनी, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान), 507 (अनाम संचार द्वारा आपराधिक धमकी) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश की सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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