India News Delhi (इंडिया न्यूज़), Delhi Schools: सूत्रों के मुताबिक एक बहुत बढ़िया खबर सामने आ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में स्थित कई प्राइमरी स्कूलों के खिलाफ DDA की याचिका को खारिज कर दिया है। इससे Delhi Schools को अपने संसाधनों का विस्तार करने का मौका मिलेगा और वे बिना किसी फीस के शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने में मदद कर सकेंगे।इस निर्णय से आने वाले समय में निजी स्कूलों में दाखिलों की मारामारी कम होगी, क्योंकि उन्हें अब अधिक छात्रों को लेने की अनुमति होगी। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हाईकोर्ट के 2021 के फैसले को चुनौती देने वाली DDA की अपील को खारिज किया।
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सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से निजी स्कूलों में हर साल होने वाली दाखिले की मारामारी खत्म होने की संभावना है। यह फैसला उन छात्रों के लिए एक अच्छी खबर है जो अब आसानी से एक अच्छी शिक्षा प्राप्त करने की उम्मीद कर सकते हैं। पिछले कई दशकों से दिल्ली की जनसंख्या में वृद्धि के कारण स्कूलों में दाखिले में मारामारी होती रही है। इस मामले में, शहर के योजनाकारों ने विद्यालयों की कमी को पूरा करने के लिए मौजूदा संस्थानों को ही अपग्रेड करने का सुझाव दिया है। इसके बाद, मौजूदा शैक्षणिक संस्थानों को फ्लोर एरिया अनुपात (एफएआर) में वृद्धि करके उनकी क्षमता में वृद्धि की गई है, ताकि वे बढ़ती जरूरतों को पूरा कर सकें।
हम आपको बता दें कि संघ एक्शन कमेटी ने DDA के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि मास्टर प्लान 2021 के प्रावधान के तहत अतिरिक्त एफएआर का इस्तेमाल करने के लिए डीडीए ने स्कूलों से जमीन की कीमत का 10 फीसदी रकम जमा करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ स्कूलों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने कहा कि डीडीए को अतिरिक्त एफएआर के बदले पैसे मांगने का कोई अधिकार नहीं है। स्कूलों के वकील कमल गुप्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि डीडीए ने प्रीमियम दरों पर जमीन आवंटित की थी और इसका शुल्क जमीन के स्थान के आधार पर लिया था। हाईकोर्ट की सिंगल जज बेंच ने 2020 में निजी स्कूलों के पक्ष में फैसला दिया था।
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