तो वहीं दूसरे ओर राहुल गांधी की संसद सदस्यता के चले जाने के बाद उन्होंने सोचा कि वह आइएनडीआइए में नंबर 1 का पद हासिल कर सकते हैं, लोकिन जब राहुल गांधी ने संसद सदस्यता को परेशान होने के बाद उनका कद विपक्षी गठबंधन में सबसे ऊंचा हो गया है और केजरीवाल का कद छोटा हो गया है।
मुझे पूरी उम्मीद है कि केजरीवाल इससे अलग होने के बहाने ढूंढना शुरू कर देंगे। वहीं पूर्व सांसद और प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष जेपी अग्रवाल ने फिर से दोहराया है कि कांग्रेस का समर्थन विधेयक के प्रति था, ”आप” के प्रति नहीं। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार विधेयक पर स्टैंड इसलिए लिया क्योंकि वह पहले से ही इस मुददे पर केंद्र सरकार का विरोध करती है।
शीला दीक्षित ने उठाए केजरीवाल के भरोसे पर सवाल
कांग्रेस का पहले से ही मनाना रहा है कि केंद्र शासित प्रदेश होने के बावजूद दिल्ली सरकार को अधिक अधिकार मिलने चाहिए। जहां तक ”आप” और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन की बात है तो उसे लेकर भी अभी कुछ कह पाना मुश्किल हैं। कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी या अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने की बात का जिक्र नहीं किया है। समय के साथ-साथ ये भी साफ हो जाएगा। शीला सरकार में मंत्री वह चुके अरविंद सिंह लवली ने कमोबेश में अपनी बात को व्यक्त करते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं किया जा सकता है।
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