India News(इंडिया न्यूज़)Delhi Special Hospital For Heart Attack: दिल्ली के इस अस्पताल में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के लिए अलग-अलग सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यह सुविधा अगले साल अप्रैल तक शुरू हो जाएगी। हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मरीजों को बिना किसी रुकावट के सीधे स्ट्रैटजिक में भर्ती किया जा सकता है। इस योजना की क्षमता 500 बिस्तरों की होगी। इस सुपर स्पेशियलिटी का निर्माण जनवरी 2022 में शुरू हुआ था।

जब दिल के दौरे के बारे में जानने की बात आती है तो हर मिनट कीमती होता है। अगर मरीज एक घंटे पहले अस्पताल पहुंच जाए तो इलाज का नतीजा सबसे अच्छा होता है, लेकिन दिल्ली में बड़े सरकारी निजीकरण के मामले में इतनी भीड़ होती है कि अगर मरीज एक घंटे पहले अस्पताल पहुंच जाए तो इलाज आसान नहीं होता त्वरित उपचार।

यह सुविधा अप्रैल तक शुरू हो जायेगी

इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एआर मॉडल हॉस्पिटल में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के लिए अलग-अलग क्वांटम सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यह सुविधा अगले साल अप्रैल तक शुरू हो जाएगी। टैब हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मरीजों को बिना किसी रुकावट के सीधे स्ट्रैटजिक में भर्ती किया जा सकता है।

यह सुविधा 500 बेड के ब्लॉक में उपलब्ध होगी

यह सुविधा अस्पताल में प्रोटोटाइप सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में विकसित की जाएगी। इस योजना की क्षमता 500 बिस्तरों की होगी। इस सुपर स्पेशियलिटी का निर्माण जनवरी 2022 में शुरू हुआ था। इसका निर्माण 18 महीने में पूरा हो गया था, लेकिन इसके निर्माण में थोड़ी देरी हुई। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला ने बताया कि इस समय सुपर स्पेशलिटी चॉकलेट का निर्माण तेजी से चल रहा है।

जानें कब तक किया गया पूरा भुगतान 

यह सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक 11 टन का होगा। अब तक नौ तालाबों का निर्माण कराया जा चुका है। दसवीं और 11वीं मंजिल की छत की ढलाई का काम अभी बाकी है। यह काम भी जल्द हो जायेगा। भवन निर्माण के साथ-साथ ऑक्सीजन पाइपलाइन, वार्ड में ऑक्सीजन स्पेस और आंतरिक साज-सज्जा पर भी काम चल रहा है।

छह मंजिलों की आंतरिक साज-सज्जा का काम पूरा हो चुका है। लोगों ने केंद्रीय निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) से मार्च तक अस्पताल के पूर्ण निर्माण की मंजूरी देने की मांग की है। अप्रैल में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में इलाज की सुविधाएं शुरू हो जाएंगी।

अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अचल नाथ ने बताया कि सामान्य समय में जनरल क्वांटम वार्ड में हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मरीजों की भी भरमार रहती है। जहां चिकित्सक सबसे पहले मरीज को देखते हैं। बाद में, दिल का दौरा पड़ने वाले मरीज़ हृदय रोग विशेषज्ञ के पास जाते हैं। इस प्रक्रिया में कुछ समय लगता है।

हार्ट अटैक के 900 साल बाद मिली जिंदगी!

फिर भी आर प्रोटोटाइप हॉस्पिटल का दावा है कि उसने पिछले साल रिसर्च प्रिंसिपल एंजियोप्लास्टी करके लगभग 900 हार्ट अटैक पीड़ितों को जीवन दिया है। प्राइमरी एंजियोप्लास्टी जितनी जल्दी की जाए, मरीज के लिए उतना ही बेहतर होता है। यदि दिल का दौरा पड़ने के पहले घंटे के भीतर एंजियोप्लास्टी की जाती है, तो हृदय को कोई क्षति नहीं होती है। इसके बाद मिश्रण धीरे-धीरे नष्ट होने लगता है।

प्राथमिक एंजियोप्लास्टी 24 घंटे के भीतर की जा सकती है। हार्ट कमांड और स्ट्रोक में व्यक्तिगत क्वांटम इकाइयों के लिए सुपर स्पेशलिटी क्लीज़ को अप्रैल में लॉन्च किया जाएगा। हार्ट अटैक के मरीज सीधे कार्डिएक स्ट्रेंथ रीच फार्म में जाते हैं, जहां कार्डियोलॉजी डॉक्टर 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं। सफदरजंग और जीबी पंत अस्पताल में वास्तविक समय में ऐसी सुविधा है।