Delhi Traffic Police:
नई दिल्ली: दिल्ली में सड़क दुर्घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही। जिसे लेकर दिल्ली पुलिस ने सड़क डिजाइन से जुड़े हितधारकों को अहम सुझाव दिए हैं। इस सुझाव में अतिक्रमण हटाना, अलग बस खंड और सार्वजनिक वाहनों के रुकने के लिए अलग से जगह देना शामिल किया गया है। पुलिस ने 2021 की दिल्ली सड़क दुर्घटना में मरने वाले लोगों की रिपोर्ट जारी की है। जिसके मुताबिक पिछले साल दिल्ली में हुई सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले लगभग 41 प्रतिशत पैदल यात्री थे।
एक्सीडेंट की जगह क्रैश शब्द का सुझाव
वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, परंपरा से हटकर, दुर्घटना के लिए अंग्रेजी के शब्द ‘एक्सीडेंट’ की जगह ‘क्रैश’ शब्द का प्रयोग किया है, जिसका पूर्व में शीर्षक ‘दिल्ली में सड़क दुर्घटनाएं’ होता था। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि फुटपाथ से अतिक्रमण हटाकर विक्रेता सेवाओं के लिए विशिष्ट स्थान दिया जाना चाहिए। वहीं सड़क का विस्तार कर सभी बस स्टैंड पर बसों के रुकने के लिए अलग ‘बस बे’ होना चाहिए।
‘बस बे’ की लंबाई पर्याप्त हो
इन बस बे की लंबाई इतनी होनी चाहिए कि वहां दो से तीन बस (आवश्यकता के अनुसार) रुक सकें और बस स्टैंड पर ग्रिल युक्त फाटक (जैसा कि मेट्रो स्टेशन पर अधिक भीड़ के मामले में होता है) होने चाहिए। ’रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘पीरागढ़ी, सिंघु बॉर्डर, मुकरबा चौक, आईएसबीटी, धौला कुआं जैसे सभी प्रमुख चौराहों को सार्वजनिक परिवहन (डीटीसी, क्लस्टर बसों, रोडवेज बसों, ग्रामीण सेवा, आरटीवी, टीएसआर, रिक्शा, ई-रिक्शा और पैदल यात्री यातायात) की संरचना के अनुसार डिजाइन करने की आवश्यकता है।’’
ऑटो रिक्शा के लिए अलग स्टैंड
रिपोर्ट में यह भी सुझाव दिया गया है कि ऑटो रिक्शा और ‘ग्रामीण सेवा’ वाहनों जैसे अन्य सार्वजनिक परिवहन वाहनों के लिए एक अलग पड़ाव स्थान होना चाहिए तथा उन्हें अलग करने और उन्हें एक ही कतार में खड़ा करने के लिए एक रेलिंग प्रदान की जा सकती है। रिपार्ट में कहा गया है कि पैदल यात्री बुनियादी ढांचे, फुट ओवर ब्रिज, सबवे, फुटपाथ और रुकने की जगह को इस तरह से डिजाइन कियाजाना चाहिए कि मुख्य सड़कों पर पैदल चलने वालों की आवाजाही को रोका जा सके, या इसे कम से कम किया जा सके।
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