India News Delhi (इंडिया न्यूज), Delhi Water Crisis: दिल्ली के ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 में पानी की कमी से लोगों को बड़ी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। गुरुवार को टैंकरों के आने पर लोग डिब्बे और बाल्टियां लेकर पानी भरने के लिए परेशानी में थे। इस दौरान, दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने जलस्तर के गिरने पर चिंता जताई और लोगों से पौधे लगाने की अपील की।
उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत लोगों से एक पौधा लगाने के लिए आह्वान किया। इस अभियान में उन्हें एलजी सक्सेना और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने संबंधित मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ पौधे लगाने के कार्यक्रम में भाग लिया।
दिल्ली में गर्मी के मौसम ने अपनी चरम सीमा तक पहुंच ली है, जिसके बारे में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने चिंता जताई है। गुरुवार को ओखला औद्योगिक क्षेत्र फेज 2 में उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में तापमान 52 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि भूजल स्तर दिन-प्रतिदिन घट रहा है, जो एक चिंता का विषय है।
उपराज्यपाल ने लोगों से ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान में भाग लेने और पौधे लगाने की अपील की। उन्होंने इसके अलावा पौधों को काले प्लास्टिक में नहीं रखने की बात कही, बल्कि गाय के गोबर के छोटे गमलों में रखने का प्रस्ताव दिया। इससे पर्यावरण पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।
विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि वे रोपण के बाद पौधे को गाय के गोबर के छोटे-छोटे गमलों में लगाने की पहल की है। इससे प्लास्टिक अवशेषों की समस्या से बचा जा सकता है और पौधों की वृद्धि हो सकती है।
मंडावली क्षेत्र में पानी की कमी ने लोगों को गहरी मुसीबत में डाल दिया है। टैंकर आने पर लोगों के बीच हालचाल मच गई है। विवाद भी देखा जा रहा है, क्योंकि पानी के बिना जीवन बहुत ही कठिन हो रहा है। स्थानीय पार्षद शशि चांदना ने बताया कि इस समस्या का समाधान जल्दी से नहीं हुआ तो स्थिति और भी खराब हो सकती है।
बृहस्पतिवार की सुबह मंडावली में टैंकर आया, लेकिन यह छोटा था जिसके कारण लोगों में पानी लेने में हड़बड़ी देखी गई। बाल्टियों के साथ-साथ लोग टूट पड़े थे। इस समस्या से प्रभावित होने वाले सुभाष ने बताया कि बिना पानी के उनका जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, न नहा पा रहे हैं और न ही खाना बना पा रहा है।
मृणालिनी ने बताया कि सबका काम प्रभावित हो रहा है टैंकर से पानी आने के इंतजार में। बच्चों की छुट्टियाँ चल रही हैं, इसलिए थोड़ी राहत है, लेकिन स्कूल खुलने पर बच्चों को भूखा ही भेजना पड़ रहा है।
Read More: