Water Crisis: बढ़ता जनसख्या के साथ ही जल का दुरुपयोग भी बढ़ गया है। लोगों को पानी के दुरुपयोग को लेकर जल विभाग हो या सामाजिक संस्थान दोनों ही लगातार सावधान करती है। बता दे अब इस पहल को और भी व्यापक रूप में हम देखते हैं। आपको बता दे पानी प्रकृति का दिया हुआ एक उपहार है, जो जीवन के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
बता दे जहां एक तरफ फरवरी महीने में ही तापमान इतना बढ़ गया कि इसने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वहीं घटता यमुना का जल स्तर भी लोगों के लिए चिंता का विषय है, इसलिए अगर इस बार समय से दिल्ली में अच्छी बारिश नहीं हुई तो दिल्ली में बड़ा जल संकट आ सकता है।
आपको बता दे घटते जल स्तर का असर दिल्ली में होने वाले पानी सप्लाई पर देखा जा सकता है। दिल्ली के जल संकट वालें इलाकों में दिल्ली गेट, सुभाष पार्क, रामलीला ग्राउंड, मॉडल टाउन, पंजाबी बाग, गुलाबी बाग, मूलचंद, जहांगीरपुरी, ग्रेटर कैलाश, साउथ एक्सटेंशन, मजनू का टीला, सीजीओ कॉम्पलेक्स, विधानसभा, राजघाट, एलएनजेपी अस्पताल, डिफेंस कॉलोनी, डब्ल्यूएचओ, आदर्श नगर, आईपी स्टेशन, जीपीओ, निगमबोध घाट, तिमारपुर, गोपालपुर, केवल पार्क, आजादपुर, वजीरपुर ,शालीमार बाग, मुखर्जी नगर, बुराड़ी इसके अलावा दिल्ली कैंट और साउथ दिल्ली के कई इलाके शामिल हैं।
बता दे दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से लगातार पानी बचाव को लेकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। इसी के साथ राजधानी में साफ पानी उपलब्ध हो पाना भी किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। जानकारी के लिए बता दे इन सबके बीच फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में ही यमुना का जलस्तर कम होना भी एक चिंता का विषय है। अगर विशेषज्ञों की मानें तो इस बार सर्दी के मौसम में बारिश न होने की वजह से भी यमुना के जल स्तर में कमी देखी जा रही है।
जानकारी के लिए बता दे यमुना नदी के तटवर्ती क्षेत्र वजीराबाद तालाब का जलस्तर 674.5 फीट से कम होकर 671.8 फीट हो गया है। इसका सीधा असर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर पड़ रहा है। यहां के अलावा अन्य तटवर्ती क्षेत्रों के जलस्तर में भी कमी देखी जा रही है।
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