Delhi Yamuna River: छठ का महापर्व शुरू होने के साथ ही यमुना नदी की सफाई को लेकर शुरू हुए राजनीतिक विवाद भी तेज हो गए हैं। इस पर अब आम आदमी पार्टी केमिकल को लेकर दावे कर रही है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज का कहना है कि दिल्ली जल बोर्ड ने छठ पूजा के लिए एक महीने पहले यमुना नदी में झाग और प्रदूषण कम करने की तैयारी शुरू कर दी थी, ताकि भक्तों को सूर्य को अर्घ्य देने में किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।
वहीं, केंद्र सरकार के तहत स्वच्छ गंगा के लिए गठित राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने भी यमुना में झाग को रोकने के लिए इसी तरह के कदमों की सिफारिश की। उनका कहना है कि दिल्ली जल बोर्ड अपनी ओखला सीवेज परीक्षण प्रयोगशाला के द्वारा ओखला बैराज के डाउनस्ट्रीम मापदंडों की नियमित रूप से निगरानी कर रहा है, जो आईएसओ और एनएबीएल मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला है।
उन्होने जानकारी दी कि लैब में किए गए ताजा परीक्षणों की रिपोर्ट में सामने आया है कि छिड़काव के बाद यमुना के पानी की गुणवत्ता के मानकों में सुधार देखने को मिला है। रिपोर्टों की मानें तो घुलित ऑक्सीजन (डीओ) का स्तर 4.42 मिलीग्राम / लीटर तक पहुंच गया है जो प्रमाणित करता है कि यह रसायन जहरीला नहीं है। इस रसायन के छिड़काव करने के बाद यमुना के पानी की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि विभिन्न परीक्षणों के सभी जानकारी से पता चलता है कि अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार के तहत यमुना के पानी की गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी के धार्मिक अधिकारों का सम्मान और रक्षा करते हुए हमारे सीएम द्वारा प्रतिज्ञा के अनुसार 2025 तक नदी को साफ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सौरभ भारद्वाज ने इस बीच भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेताओं को इस तरह की बेवकूफी भरे कामों को छोड़ देना चाहिए और दिल्ली नगर निगम से जुड़े असल मुद्दों पर बात करनी चाहिए। आज दिल्ली के लोग ये जानना चाहते हैं कि बीजेपी ने अपने पिछले 15 सालों के कार्यकाल में कचरा और सफाई जैसे मुद्दों पर क्या किया है।
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