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Delhi Yashobhumi: गुलमोहर, चंपा, नीलकमल के नाम से जाने जाएंगे यशोभूमि के कक्ष, PM मोदी ने जन्मदिन पर दी थी ‘यशोभूमि’ की सौगात

• LAST UPDATED : September 20, 2023

India News(इंडिया न्यूज़)Delhi Yashobhumi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर को द्वारका में बने ‘यशोभूमि’ का उद्घाटन किया इंडिया इंटरनैशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (IICEC) को लोग अब यशोभूमि के नाम से जानेंगे। यशोभूमि में दो साल में 200 से अधिक कार्यक्रम आयोजित होंगे। यह भारत का सबसे बड़ा परिसर है। यह केंद्र भारत में बढ़ते एमआईसीई (बैठक, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी) उद्योग को बढ़ावा देने में मदद करेगा। यशोभूमि में सभी 13 बैठक कक्षों को फूलों का नाम दिया गया है।

हर नाम पारंपरिक फूलों पर आधारित हैं। गुलमोहर, चंपा, नीलकमल के नाम से जाने जाएंगे यशोभूमि के कक्ष। तकनीक के मामले में यह ऑडिटोरियम विदेशों को मात देता है। तकनीक का प्रयोग करके साधारण से दिखने वाले ऑडिटोरियम को फिल्म, फैशन शो के लिए रैंप और सम्मेलन के आधार पर कुर्सियों को मनपसंद तरीके से रखा जा सकेगा। दरअसल, यहां ऐसी तकनीक प्रयोग की गई है, जिसमें कुर्सियां अपने आप जमीन के अंदर चली जाती हैं।

कोरियन कंपनी  को मिली जिम्मेदारी

उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग के सचिव राजेश कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया कि यशोभूमि भारत का सबसे बड़ा परिसर बनकर तैयार हो रहा है। यह दो चरणों में बनकर तैयार होगा। इसका पहला चरण पूरा हो चुका है और उसकी देखरेख की जिम्मेदारी कोरियन कंपनी को मिली है। इस कंपनी को 20 साल के लिए आयोजन स्थल के प्रबंधन, संचालन की जिम्मेदारी दी गई है।

यह कंपनी दुनियाभर के देशों में काम करती है। टेंडर के माध्यम से इस कंपनी ने अपनी जीत हासिल की है। अब आईआईसीसी परियोजना के दूसरे चरण में भाग लेने के लिए निजी कंपनियों को आकर्षित करेगा। चरण-2 परियोजना के तहत कुल नौ होटल बनेंगे। यशोभूमि का उद्घाटन 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईसीसी के 5,400 करोड़ रुपये के चरण-एक का अनावरण किया था।

जानें वर्ल्ड क्लास सेंटर ‘यशोभूमि’ के बारे में

‘यशोभूमि’ दुनिया की सबसे बड़ी मीटिंग, इनसेंटिव्स, कॉन्फ्रेंस एंड एग्जीबिशन फैसिलिटी है। इसका कुल एरिया 8.9 लाख स्क्वायर मीटर है। यह प्रगति मैदान के ‘भारत मंडपम’ से भी बड़ा है। इस प्रोजेक्ट की लागत 5,400 करोड़ रुपये है। कन्वेंशन सेंटर 73 हजार स्क्वायर मीटर से अधिक में बना है। इसमें 15 कन्वेंशन रूम हैं। इसमें मिनी ऑडिटोरियम, ग्रैंड बॉलरूम और 13 मीटिंग रूम भी शामिल हैं।

इसकी क्षमता 11 हजार डेलिगेशन की है। और साथ ही ग्रैंड बॉलरूम का भी निर्माण किया गया है। द्वारका में बने ‘यशोभूमि’ के मेन ऑडिटोरियम की क्षमता 6000 मेहमानों की है। ग्रैंड बॉलरूम में पंखुड़ियों की सीलिंग है। इसकी क्षमता 2500 मेहमानों की है। यशोभूमि के एक्सटेंडेड ओपन एरिया में 500 लोगों के बैठने की जगह है। यशोभूमि में दुनिया का सबसे बड़ा एग्जीबिशन हॉल है। यह हॉल 1.07 लाख स्क्वायर मीटर में बना है। यशोभूमि को पर्यावरण अनुकूल भी बनाया गया है। इसमें स्टेट ऑफ द आर्ट वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट सिस्टम है।

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