इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
denial of delhi high court : भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को दिल्ली वक्फ बोर्ड के स्वामित्व वाली संपत्ति के आवंटन के संबंध में बोर्ड को कोई अंतरिम राहत देने से बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया। हालांकि, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने केंद्र सरकार के साथ दिल्ली विकास प्राधिकरण और आइटीबीपी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। वक्फ बोर्ड ने अपनी 123 संपत्तियों को फिर से सूचीबद्ध करने की दोबारा जांच करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है। मामले में आगे की सुनवाई 28 अप्रैल को होगी।
पीठ ने कहा कि स्थगन देने का कोई आधार नहीं है। अदालत ने यह भी कहा कि संपत्ति वर्ष 2017 में किसी समय आइटीबीपी को आवंटित की गई थी और यदि वक्फ बोर्ड वर्तमान कार्यवाही में सफल होता है, तो आवंटन रद किया जा सकता है। पीठ ने कहा कि अदालत इस समय रोक लगाने की इच्छुक नहीं है। ऐसा नहीं है कि संपत्ति निजी लोगों के पास गई है। हम सरकार को इसे वापस सौंपने के लिए कह सकते हैं। संपत्तियां दक्षिण दिल्ली के मथुरा रोड इलाके में स्थित है।
केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता कीर्तिमान सिंह ने याचिकाकर्ता को अंतरिम राहत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि अब तक विवादित स्थल पर कोई निर्माण नहीं हुआ है और भविष्य में कोई शिकायत होने पर बोर्ड अदालत आ सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बोर्ड को समिति के समक्ष चल रही कार्यवाही में भाग लेना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि एक सदस्यीय समिति की रिपोर्ट को याचिकाकर्ता के साथ साझा नहीं किया जा सकता है क्योंकि अनिर्णायक होने के कारण यह खारिज कर दी गई थी। (denial of delhi high court )
वहीं, वक्फ बोर्ड की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता वजीह शफीक ने अदालत से आइटीबीपी को आवंटन के संबंध में अंतरिम रोक लगाने का आग्रह किया गया था। साथ ही दावा किया कि याचिकाकर्ता को वर्तमान याचिका दायर करने से पहले ही आवंटन के बारे में पता चला। वकील ने अदालत से याचिकाकर्ता को वर्तमान समिति के समक्ष पेश होने से छूट देने के लिए भी कहा लेकिन अदालत ने इस पहलू पर आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। (denial of delhi high court )
याचिका में वक्फ बोर्ड ने दलील दी कि भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास अधिनियम- 2013 में उचित मुआवजे और पारदर्शिता के अधिकार के तहत वर्ष 2014 में इसकी संपत्तियों को डी-लिस्ट कर दिया गया है। केंद्र ने हाल ही में न केवल 123 संपत्तियों की स्थिति की फिर से जांच करने के लिए दो सदस्यीय समिति नियुक्त की है और इनमें से एक को आइटीबीपी के पक्ष में स्थानांतरित कर दिया है। (denial of delhi high court )
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