Categories: Delhi

भारत-पाक के बीच 1971 में हुए युद्ध के जांबाज हीरो थे ले. कर्नल धर्मवीर सिंह

इंडिया न्यूज, गुरुग्राम। हरियाणा के जिला भिवानी के बडेसरा गांव में 10 जुलाई 1990 को जन्में लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मवीर सिंह का 4 दिसम्बर 1971 को पाकिस्तानी सेना के साथ अचानक हुए युद्ध में अदम्य साहस सदा स्मरण रहेगा। दिल्ली पर कब्जा करने की नीयत से भारतीय सीमा में घुसने चली पाकिस्तानी सेना को राजस्थान के जेसलमेर स्थित लोंगेवाला पोस्ट पर भारतीय सेना ने ढेर किया था। मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में और लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मवीर की अगुवाई में वर्ष 1971 के इसी युद्ध (आॅपरेशन) पर वर्ष 1997 में बनी थी फिल्म बॉर्डर। जिसमें अभिनेता अक्षय खन्ना ने कर्नल धर्मवीर की भूिमका निभाई है। लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मवीर सिंह का गुरुग्राम स्थित आवास पर निधन हो गया है।

अपने माता-पिता के इकलौते थे संतान

भिवानी जिले के बडेसरा गांव निवासी लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मवीर सिंह अपने माता-पिता के इकलौते संतान थे। उनके पिता चौधरी उजाला सिंह भारतीय सेना में सूबेदार पद से रिटायर थे। धर्मवीर सिंह अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वर्ष 1932 में मात्र 22 साल की उम्र में भारतीय सेना में शामिल हुए। लेफ्टिनेंट धर्मवीर सिंह ने 6 बेटे हुए, जिनमें से 5 तो भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे हैं और एक बेटा न्यूजीलैंड में रह रहा है। लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मवीर सिंह ने 1992 से 1994 तक 23वीं पंजाब बटालियन का नेतृत्व किया था।

मात्र 90 जवानों के साथ 2000 पाक सैनिकों से किया था मुकाबला

4 दिसम्बर 1971 की रात को पाकिस्तान की सेना राजस्थान के जैसलमेर स्थित लोंगेवाला चेकपोस्ट पर 65 टैंकों के साथ भारत की ओर बढ़ी। भारतीय सेना को ऐसा कुछ आभास ही नहीं था। मात्र 90 सैनिक ही बिग्रेडियर चांदपुरी व कर्नल धर्मवीर के साथ थे। इन्हीं सैनिकों को पाकिस्तान के 2000 सैनिकों का अचानक मुकाबला करना पड़ गया। रात को वायुसेना भी मदद नहीं कर सकती थी। कर्नल धर्मवीर के नेतृत्व में जवानों ने पूरी रात जांबाजी के साथ पाकिस्तान के 2000 सैनिकों और 65 टैंकों को भारतीय सेना के मात्र 90 जवानों ने धराशायी कर दिया। कुछ बचा था तो उसे दिन निकलते ही वायुसेना ने ध्वस्त किया।

25 जवानों के साथ गश्त पर थे कर्नल धर्मवीर

पूर्व में दिए गए एक साक्षात्कार में कर्नल धर्मवीर ने बताया था कि 4 दिसम्बर 1971 की रात को जैसलमेर के लोंगेवाला चेकपोस्ट पर ज्यादा जवानों की तैनाती नहीं थी। सब कुछ सामान्य था। वे अपने कुछ सैनिकों के साथ पेट्रोलिंग कर रहे थे। रात 10 बजे राशन लेकर वे गश्त पर जा रहे थे। इसी दौरान पाकिस्तान की ओर से कुछ हरकत होनी शुरू हुई। उन्होंने ब्रिगेडियर चांदपुरी को सूचना दी, जिन्होंने कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है। हिम्मत के साथ मुकाबला करो। कर्नल धर्मवीर तुरंत आगे बढ़े और सामने देखा तो नजारा अलग ही था। पाकिस्तान की ओर से 65 टैंक और 2000 सैनिक आगे बढ़ते आ रहे थे।

नई दिल्ली में घुसने की थी नापाक योजना

बांग्लादेश (उस समय के पूर्वी पाकिस्तान) में भारतीय सेना से करारी शिकस्त मिलने के बाद पाकिस्तान ने लोंगेवाला के रास्ते नई दिल्ली पहुुंचने की साजिश रखी थी। इसी साजिश से पाक ने 2000 जवानों के साथ 65 टैंकों और 1 मोबाइल इंफेंट्री ब्रिगेड के साथ जैसलमेर के लोंगेवाला पोस्ट की ओर रवानगी की। उस समय भारतीय सैनिकों के पास मामूली हथियार और कुछ तोपें और बीएसएफ का एक ऊंट दस्ता था।

भारतीय सेना के पास दो ही विकल्प थे, या तो वे चेकपोस्ट छोड़ पीछे हट जाएं या फिर पाकिस्तानी फौज का मुकाबला करें। सेना ने दूसरा विकल्प ही चुना। पाकिस्तानी फौज के टैंकों और गाडि?ों का करीब 20 किलोमीटर लंबा काफिला आगे बढ़ता जा रहा था। इसी दौरान कुछ ही देर में भारतीय जवानों ने ही चेकपोस्ट के सामने एंटी टैंक माइंस का जाल बिछा दिया। चेकपोस्ट के करीब 30 किलोमीटर की दूरी से ही पाकिस्तानी सेना ने फायरिंग शुरू कर दी थी।

भारतीय सैनिकों ने एंटी टैंक गन से ढेर किए थे पाक के टैंक

जवाब में उनके नेतृत्व में भारतीय सैनिकों ने एंटी टैंक गन से पाक के टैंकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। जैसे ही एंटी टैंक माइंस में दुश्मन के टैंक धराशायी होने लगे तो पाकिस्तानी टैंक पहले ही रोक दिए गए। इसके बाद भी भारतीय जवानों ने रातभर पाक सैनिकों का मुकाबला करते हुए देश के भीतर घुसने की योजना को ध्वस्त कर दिया। इस युद्ध के प्रमुख महानायक रहे ब्रिगेडियर कुलदीप ङ्क्षसह चांदपुरी का वर्ष 2018 में निधन हो चुका है। वे महावीर चक्र से सम्मानित थे। अब कर्नल धर्मवीर का निधन हो गया है।

महावीर चक्र समेत कई सम्मान मिले

लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मवीर सिंह को पराक्रम पदक, सामान्य सेवा पदक, सैन्य सेवा पदक, भारतीय स्वतंत्रता पदक, अफ्रीका स्टार, बर्मा स्टार पदक 1939-45, स्टार वार मेडल 1939-1945, रक्षा पदक और सामान्य सेवा पदक से नवाजा जा चुका था। वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। सेवानिवृत के बाद वे कई वर्ष तक जिला सैनिक बोर्ड भिवानी के उपाध्यक्ष भी रहे।

Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube
Umesh Kumar Sharma

Recent Posts

Delhi News : दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले विशेष मतदाता पुनरीक्षण अभियान शुरू

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली में मंगलवार से विशेष…

3 months ago

Delhi News: मजदूर ने मांगी मजदूरी, कंपनी के मालिक ने पीट-पीटकर ले ली जान

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi News : देश की राजधानी दिल्ली में फरीदाबाद जिले में…

3 months ago

Excise Policy Case: CM अरविंद केजरीवाल को नहीं मिली राहत, फिर बढ़ी न्यायिक हिरासत

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Excise Policy Case: देश की राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने…

3 months ago

Eating Non-Veg Foods: लंबे ब्रेक के बाद नॉन वेज खाने की सोच रहे हैं? इन सावधानियों से बचें

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Eating Non-Veg Foods: लंबे समय तक शाकाहारी रहने के बाद अचानक…

3 months ago

Delhi News: इतने करोड़ रुपये की लागत से बनेगा भारत वंदना पार्क,सांस्कृतिक विविधता के होंगे दर्शन

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Delhi News: गंगा मां के किनारे बसा बनारस हो या पटना…

3 months ago

Home Remedies for Glowing Skin: चेहरे को बेदाग और ग्लोइंग बनाने के लिए इन 3 सुपरफूड्स का रोजाना खाएं

India News Delhi (इंडिया न्यूज़),Home Remedies for Glowing Skin: एक सुंदर और निखरी त्वचा की…

3 months ago