India News(इंडिया न्यूज़), Divya Pahuja Murder Case: दिव्या का शव बरामद होने के बाद अभिजीत के खिलाफ मामला मजबूत जरूर हुआ है, लेकिन जिस तरह से हत्या को अंजाम दिया गया और सबूत मिटाने की कोशिश की गई, उससे साफ पता चलता है कि हत्या के लिए पूरी प्लानिंग की गई थी। हत्या में प्रयुक्त पिस्तौल अभी तक बरामद नहीं हो सकी है। पुलिस पूछताछ में अभिजीत ने आपत्तिजनक वीडियो और फोटो के जरिए ब्लैकमेल करने के कारण दिव्या की हत्या करने की बात कबूल की थी।
वह आईफोन भी अब तक गायब है। इससे संदेह पैदा होता है कि अभिजीत ने हत्या के लिए जो कारण बताया है, वही असली कारण है या कोई और साजिश हो सकती है। एसीपी क्राइम वरुण दहिया की प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी ऐसे सवाल उठे, उन्होंने खुलकर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन किसी साजिश से इनकार भी नहीं किया। साथ ही कहा कि इस हत्याकांड की गहनता से जांच की जा रही है। हर पहलू को ध्यान में रखा जा रहा है।
अभिजीत करीब 15 साल से गैंगस्टर बिंदर के संपर्क में था और उसके लिए काम भी करता था। पुलिस पूछताछ के दौरान, उसने बिंदर के बच्चों की पढ़ाई के खर्च में मदद करने की बात स्वीकार की थी। दिव्या भी सालों से बिंदर के संपर्क में थी और उसने ही दिव्या को अभिजीत से मिलवाया था। इसके साथ ही दिव्या को 2016 में मुंबई में संदीप गाडोली के कथित एनकाउंटर में साजिशकर्ता होने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
2 जनवरी की सुबह 4:15 बजे अभिजीत दिव्या को लेकर गुरुग्राम के सिटी प्वाइंट होटल गया था। ये वो वक्त था जब सड़क से होटल तक ज्यादा आवाजाही नहीं थी। अभिजीत इस होटल के मालिक हैं। उनके लिए कमरा नंबर 114 हमेशा बुक रहता था। हत्या वाले दिन वह दिव्या के साथ कमरा नंबर 111 में रुका था। दिव्या की हत्या के बाद शव को निकालने के लिए किसी बाहरी व्यक्ति की मदद नहीं ली गई। होटल के दो सहायकों हेमराज और ओमप्रकाश को बुलाया। दोनों ने शव को कंबल में लपेट कर इस तरह ले गए कि किसी की जान न जा सके।
हत्या के लिए अभिजीत ने पहले ही अपने ड्राइवर से अवैध हथियार मंगवा लिया था। दिव्या की हत्या के समय अभिजीत के पास 50 लाख रुपये नकद थे। सूत्रों के मुताबिक, उसने बलराज गिल और रवि बंगा को 10 लाख रुपये दिए थे। मिनी कूपर से 12.5 लाख रुपये बरामद हुए। ये भी एक सवाल है कि अचानक 50 लाख कैश कहां से आ गया?
गुरुग्राम के एसीपी क्राइम वरुण दहिया ने भी माना कि जिस भाखड़ा नहर में दिव्या का शव फेंका गया था, उसके बारे में कहा जाता है कि अगर शव यहां फेंका गया तो उसे ढूंढना बहुत मुश्किल होता है। आरोपियों का मकसद था कि शव कभी न मिले। मिल सकते हैं। अभिजीत ने पुलिस को बताया कि दिव्या के मोबाइल में उसकी अश्लील तस्वीरें थीं। लेकिन, वह मोबाइल अब भी गायब है। उसका सैमसंग मोबाइल तो मिल गया, लेकिन आईफोन नहीं मिला।
बलराज को गुरुग्राम कोर्ट में पेश किया गया। सेक्टर 17 क्राइम ब्रांच की एक टीम रविवार दोपहर आरोपी बलराज को लेकर गुरुग्राम पहुंची। इसके बाद उन्हें सीधे कोर्ट ले जाया गया। गुरुग्राम पुलिस ने बलराज को कोलकाता की अदालत से तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लिया था।
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