India News(इंडिया न्यूज़), Diwali Firecracker Ban: पटाखों से जुड़े प्रदूषण मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा प्रतिबंध केवल दिल्ली एनसीआर तक सीमित नहीं है, यह स्थानीय सरकारों के विवेक पर पूरे देश में लागू है।
पटाखों पर बैन मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने जो पिछले आदेश दिए थे वो सिर्फ दिल्ली के लिए नहीं थे। पटाखों पर प्रतिबंध लगाने का हमारा आदेश पूरे देश के लिए था। उन्होंने कहा, ‘हमने अपने पुराने आदेश में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध का मुद्दा स्थानीय सरकार पर छोड़ दिया था, लेकिन अस्पतालों जैसे स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील स्थानों पर पटाखे न जलाने और पटाखे फोड़ने की समय सीमा तय करने को कहा था। एनसीआर में आने वाले राजस्थान के इलाकों के लिए दिल्ली-एनसीआर के नियम लागू होंगे। यानी पटाखों पर बैन रहेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब वह दिल्ली एनसीआर और देशभर के अन्य शहरों में बढ़ते प्रदूषण के मामले की सुनवाई कर रहा था। देश के बाकी हिस्सों में पराली जलाने और अन्य कारणों से पंजाब में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए कोर्ट ने कहा, प्रदूषण को रोकना अकेले कोर्ट का काम नहीं है, यह हर किसी की जिम्मेदारी है, खासकर सरकार की जवाबदेही है।
दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘सरकार पराली जलाने पर रोक लगाए। उन्हें नहीं पता कि पराली जलाना कैसे रुकता है लेकिन पंजाब सरकार को पराली जलाना बंद करना चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा, यह हर समय संभव नहीं हो सकता कि आप हर समय राजनीतिक लड़ाई लड़ते रहें। सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और अन्य राज्य सरकारों से अपने पहले के आदेशों को लागू करने को भी कहा।
कोर्ट ने कहा, हमारा आदेश सिर्फ एक राज्य या दिल्ली एनसीआर तक सीमित नहीं है, यह पूरे देश पर लागू है, जिन राज्यों में प्रदूषण है वहां की राज्य सरकारों को स्थानीय स्तर पर इसके समाधान के लिए कदम उठाने चाहिए. प्रदूषण को नियंत्रित करना अकेले राज्य सरकार का कर्तव्य नहीं है।
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