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उत्तरी निगम आयुक्त ने कहा-डीएनए से शवों की होगी पहचान, बढ़ सकती है मृतकों की संख्या

• LAST UPDATED : May 14, 2022

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली Delhi Mundka Fire : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुंडका इलाके की बिल्डिंग में लगी आग ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। आग में जलकर अभी तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें ज्यादातर लोगों की पहचान नहीं हो पाई है। अग्निशमन अधिकारी ने बताया कि राहत बचाव कार्य पूरा हो गया है। 12 घायलों को ग्रीन कारिडोर बनाकर संजय गांधी अस्पताल पहुंचाया गया।

अधिकारी ने बताया कि अग्निकांड में मृतकों की संख्या बढ़कर 30 भी हो सकती है। दरअसल, हादसे में 27 लोगों की मौत हो गई, जिनमें सात लोगों की पहचान हुई है। अभी तक 29 लोग लापता हैं, इनमें 24 महिलाएं व 5 पुरुष शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक मृतकों की पहचान तानिया भूषण, मोहिनी पाल, यशोदा देवी, रंजू देवी, विशाल मिथलेश, कैलाश ज्यानि और दृष्टि के रूप में हुई है।

जिन शवों की नहीं हो सकी है शिनाख्त, उनका निकाला जाएगा डीएनए

संजय गांधी अस्पताल के एमएस डॉ एसके अरोड़ा ने बताया कि शव बुरी तरह झुलस गए हैं। सिर्फ सात शवों को ही उनके परिजन पहचान सके हैं। उनकी पहचान के लिए परिजन अस्पताल में आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो सकी है, उनका डीएनए निकाला जाएगा।

मुंडका अग्निकांड से उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) ने सबक लेते हुए आयुक्त संजय गोयल ने निगम के सभी छह जोनों के अधिकारियों को निर्देश दिया है, कि वो अपने जोन में पता लगाएं कि अनुरूप क्षेत्रों में कितनी इमारतों में औद्योगिकध्निषिद्ध गतिविधि चल रही है। ताकि इनकी पहचान कर दंडात्मक कार्रवाई की जा सके। आयुक्त ने 10 दिन में ये रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

जिन्होंने लाइसेंस नहीं लिया है, उन्हें 15 दिनों में प्राप्त करनी होगी एनओसी

उत्तर दिल्ली नगर निगम के आयुक्त संजय गोयल ने यह भी कहा है कि औद्योगिक और व्यावसायिक क्षेत्र में बिना फायर एनओसी के चल रही इकाइयों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन इकाइयों ने लाइसेंस नहीं लिया है, उन्हें 15 दिनों में एनओसी प्राप्त करनी होगी। अगर ऐसा नहीं करते हैं, 15 दिन बाद कार्रवाई की जाएगी। मुंडका इलाके के मेट्रो स्टेशन के पास चार मंजिला व्यावसायिक इमारत में शुक्रवार को चार बजे आग लगी थी।

ज्यादार शव इतने जल गए हैं कि परिजन अपनों को नहीं पा रहे हैं पहचान

लापता और घायल हुए लोगों के परिजन रात से ही अस्पताल के बाहर अपनों का इंतजार कर रहे हैं। ज्यादार शव इतने जल गए हैं, कि परिजन अपनों को नहीं पहचान पा रहे हैं। अस्पताल परिसर में मौजूद लोग अपने लापता जान-पहचान के लोगों के लौट आने का इंतजार कर रहे हैं। मुंडका अग्निकांड मामले में अग्निशमन विभाग के निदेशक अतुल गर्ग का कहना है कि 32 लोगों के लापता होने की बात सामने आई है।

27 शव बरामद हुए हैं, जिनमें सात की पहचान कर ली गई है। इस हादसे में 12 लोग घायल हैं। उन्होंने बताया कि आग करीब चार बजे लगने की बात लोग कह रहे हैं लेकिन अग्निशमन को पहली काल 4 बजकर 50 मिनट पर मिली। इसके 18 मिनट बाद अग्निशमन की गाड़ी मौके पर पहुंची। वहीं, आग लगने का कारण जेनरेटर में हुआ शॉर्टसर्किट बताया जा रहा है, जो पहले तल पर रखा था।

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