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सांस की नली बनाकर डाक्टरों ने दी किशोर को नई जिंदगी

• LAST UPDATED : June 4, 2022

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : 10 सालों से गले में डले ट्यूब के जरिये सांस लेने को मजबूर 13 वर्षीय किशोर को गंगाराम अस्पताल के डाक्टरों ने नया जीवनदान दिया है। अस्पताल के डाक्टरों ने छह घंटे की सर्जरी कर उक्त किशोर की सांस की नली बनाई और वायस बाक्स के हिस्से को भी ठीक किया। करीब डेढ़ माह पहले डाक्टरों ने यह सर्जरी की थी। जिसके बाद अब वह किशोर सामान्य तरीके से सांस लेने लगा है। सात साल बाद वह ठीक से बोलने लगा है। डाक्टरों ने इसे दुर्लभ सर्जरी बताया है।

किशोर तीन साल की अवस्था में छत से गिर गया था

मूलरूप से राजस्थान का रहने वाला किशोर तीन साल की अवस्था में छत से गिर गया था। उसके पिता अमित कुमार ने कहा कि यह घटना हिसार में हुई थी। तब वह 15 दिन आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर था। अस्पताल के ईएनटी विभाग के विशेषज्ञ डा. मनीष मुंजाल ने कहा कि वेंटिलेटर से बाहर आने के बाद उसके वायस बाक्स के क्रिकाइड से जुड़ी सांस की नली का चार सेंटीमीटर हिस्सा सिकुड़ने के कारण जाम हो गया था।

इस वजह से डाक्टरों ने सर्जरी कर उसके गले में ट्यूब डाल दी थी। ताकि वह सांस ले सके। गंगाराम अस्पताल के डाक्टरों के अनुसार करीब सात साल पहले किसी दूसरे अस्पताल में उसकी सांस की नली ठीक करने के लिए सर्जरी हुई थी, जो सफल नहीं हुई थी। तब से वह बोल नहीं पा रहा था।

सर्जरी के लिए बनाई गई थी डाक्टरों की दो टीम

किशोर की सांस की नली व वायस बाक्स के क्रिकाइड में खराबी होने के कारण थोरेसिक सर्जरी व ईएनटी विभाग के सर्जन की दो टीमें बनाई गईं। दोनों टीमों के डाक्टरों ने एक साथ 23 अप्रैल को उसकी सर्जरी की। थोरेसिक सर्जरी विभाग के चेयरमैन डा. सब्यसाची बाल ने कहा कि सर्जरी असफल होने की स्थिति में मौत का खतरा था। लेकिन उस किशोर के इलाज के लिए कोई और विकल्प भी नहीं था।

सर्जरी के दौरान चार सेंटीमीटर हिस्सा काटकर करना पड़ा अलग

सर्जरी के दौरान सांस की नली का चार सेंटीमीटर हिस्सा काटकर अलग करना पड़ा। इसके बाद सांस की नली छोटी होने से उसे जोड़ना चुनौतीपूर्ण था। इस वजह से वायस बाक्स को थोड़ा नीचे लाया गया। वहीं सांस की नली के निचले हिस्से को छाती से अलग करके थोड़ा ऊपर लाया गया। जिससे सांस की नली के ऊपरी व निचले हिस्से को जोड़ा जा सका।

नर्वस कटने पर किशोर कभी नहीं बोल पाता

डा. मनीष मुंजाल ने कहा कि क्रिकाइड वायस बाक्स के नीचे घोड़े की नाल के आकार की नरम हड्डी होती है। इसके दोनों तरफ नर्वस होती हैं। ये नर्वस कटने पर किशोर कभी बोल नहीं पाता। सर्जरी में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि ये नर्वस कटने न पाए। छाती की पसलियों से नरम हड्डी लेकर क्रिकाइड बनाया गया। अब वह ठीक से बोलने लगा है और पढ़ाई भी दोबारा शुरू कर दी है।

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