गुरुग्राम। Donkey’s Procession was the 325th stage in Gurugram विश्वदीपक त्रिखा द्वारा निर्देशित नाटक गधे की बारात का यहां मंचन किया गया। हंसी, व्यंगय के बीच नाटक में अमीरी और गरीबी के फर्क को दिखाया, समझाया गया है। हिन्दुस्तान के साथ-साथ पाकिस्तान तक इस नाटक की धूम रही है। जितनी बार देखो उतनी ही बात यह नाटक नया नजर आता है। श्री त्रिखा स्वयं भी इस नाटक में राजा की भूमिका में नजर आते हैं।
विश्व रंग मंच दिवस के उपलक्ष्य में इस नाटक का मंचन संस्कृति के सारथी संस्था के तत्वावधान में नाट्य शस्त्र के जनक भरतमुनि की स्मृ़ति में यहां आर्य कन्या विद्या मंदिर सेक्टर-7 के प्रेक्षा गृह में किया गया। इस अवसर पर आरएसएस के महानगर संघसंचालक जगदीश ग्रोवर का सानिध्य प्राप्त हुआ, वहीं शिक्षाविद् भीष्म भारद्वाज ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल मुख्य अतिथि थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा नेता सुमेर तंवर, अभिनेता राज चौहान, नगर निगम के चेयरमैन ब्रह्म यादव, समाजसेवी रणधीर सिंह, शिक्षाविद् सुनील गुप्ता, अर्जुन वशिष्ठ, रामबहादुर सिंह, गौरव अरोड़ा, तिलकराज बांगा ने शिरकत की। नाटक में कलाकार अविनाश सैनी, सुजाता रोहिल्ला, सुरेंद्र शर्मा, विश्वदीपक त्रिखा, महक, पावनी, सुभाष नगाड़ा ने भूमिका निभाई।
Also Read : कुमार विश्वास के बाद अब अलका लांबा के घर पहुंची पंजाब पुलिस Punjab Police reached Alka Lamba’s House
निर्देशक विश्वदीपक त्रिखा के मुताबिक हरिभाई बडगांवकर द्वारा लिखे गए इस नाटक का मंचन पहली बार वर्ष 1990 में किया गया था। आज इसे 32 साल हो गए हैं। कोई भी व्यक्ति इस नाटक को दुबारा देखता है तो उसे यह नया ही नजर आता है। इसमें हंसी-ठिठोली भी है और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी बातें भी हैं। नाटक में किसी तरह की फूहड़ता नहीं है।
परिवार के बीच में बैठकर नाटक को देखा जाता है। जिस शहर, जिस मंच पर आज तक यह नाटक मंचित किय गया है, वहां से दुबारा इसके मंचन की मांग आती रही है। नाटक में अमीरी-गरीबी के विषय पर गंभीरता दिखाई देती है। नाटक में ज्यादातर कलाकार शुरू से ही जुड़े हैं। नाटक के कलाकारों में डायलॉग की टाइमिंग बेहतरीन रही। नाटक को दर्शकों ने खूब पसंद किया।
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube