नई दिल्ली। अब से एम्स के प्राइवेट वार्ड में इलाज कराने वाले लोगों की जेब पर पहले से और भाी ज्यादा बोझ पड़ने वाला है। आपको बता दें कि सरकार ने हाल ही में होटल और हॉस्पिटल दोनों पर 5 फीसदी का जीएसटी लागू किया है। हॉस्पिटल रूम पर जीएसटी लगाने के कारण देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स के प्राइवेट वार्ड में भी इलाज कराना महंगा हो गया है। जिसमे प्राइवेट वार्ड के डीलक्स रूम का चार्ज अब बढ़ गया है।
एम्स के प्राइवेट वार्ड में सभी सेवाओं पर बुधवार से पांच प्रतिशत जीएसटी लागू कर दी गई है। जीएसटी नियम के तहत अगर किसी भी असप्ताल का कमरा 5000 रुपए से ज्यादा का होगा तो उस पर 5 फीसदी का जीएसटी लगेगा। यदि कोई मरीज डीलक्स कमरे में खाने की सुविधा चाहता है तो उसे 300 रुपए एडिशनल चार्ज देना होगा।
जून के महीने में ही एम्स ने प्राइवेट वार्ड के किराए में बढ़ोतरी की थी। आपको बता दें ए-कैटिगरी प्राइवेट वार्ड का किराया 3000 रुपए रोजाना से बढ़ाकर 6000 रुपए कर दिया गया था। वहीं बी-कैटिगरी के वार्ड का किराया 2000 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए रोजाना हो गया था। दोनों ही कैटिगरी के रूम रेंट में एडमिशन चार्ज शामिल है और इन रेटो को 1 जून से लागू किया गया था। इसी दौरान खाने का चार्ज भी 300 रुपए रोजाना कर दिया गया था।
18 जुलाई से लागू किए गए नियम के मुताबिक, अगर अस्पताल के रूम का किराया 5000 रुपए रोजाना है तो उस पर 5 फीसदी का जीएसटी लगेगा। इसमें ICU सर्विस को बाहर रखा गया है। इतना ही नहीं, नियम के मुताबिक अस्पतालों को अब से बायोमेडिकल वेस्ट पर भी 12 परसेंट का टैक्स देना होगा।
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