India News(इंडिया न्यूज़), Dussehra 2023: आप सभी ने रामायण सीरियल जरूर देखा या पढ़ा होगा। रामायण त्रेता युग में घटी सच्ची घटनाओं, विष्णु के अवतारों, श्री राम, सीता, लक्ष्मण, रावण और हनुमान पर केंद्रित है। शिव के अवतार श्री पवनपुत्र हनुमान जी रामचन्द्र जी के सहायक थे।
हर किसी के मन में एक ही सवाल है कि जब हनुमान जी माता सीता की खोज में उन्हें लेकर लंका गए थे तो फिर उन्हें वहां से वापस क्यों नहीं लाए। दूसरा प्रश्न यह है कि क्या हनुमान जी रावण को नहीं मार सकते थे?
पहला कारण: हनुमान जी अपने प्रभु श्री राम के सेवक थे। वे चाहते थे कि रावण का वध और लंका का विनाश उनके प्रभु श्री राम के हाथों हो। उन्होंने रावण को नहीं मारा जिससे श्री राम का यश बढ़ा। और इसी कारण वह न तो रावण की तरह छल करके और न ही कायर की तरह सीता को लंका से ले जा सका। वह सदैव अपने स्वामी भगवान श्री राम के आदेश पर रहते थे।
दूसरा कारण: लंकापति रावण भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे और हनुमान जी शिव के अवतार थे। इसलिए भोलेनाथ जी का इरादा अपने भक्त को मारने का नहीं था। रावण ने शिव को मोहित करने के लिए महाकाव्य शिव तांडव स्तोत्र की रचना की।
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