दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में छात्र संगठन अपना दम नहीं दिखा सके। उन्हें अंतिम वोट भी नहीं मिले। तेरहवीं के दौरान कई स्टेज में एल्बम को नोटा से भी कम मत हासिल हुआ। छात्रों का कहना है कि डीयू के स्पेशल स्कूल में शैक्षणिक संगठन सक्रिय हैं। उनका अधिक आर्किटेक्चर नार्थ पाइपलाइन में ही है। लेकिन यहां भी कुछ खट्टी-मीठी बातें नहीं दिखीं। दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में छात्र संगठन अपना दम नहीं दिखा सके। उन्हें अंतिम वोट भी नहीं मिले। तेरहवीं के दौरान कई स्टेज में एल्बम को नोटा से भी कम मत हासिल हुआ।

वाम संगठन नहीं दिखावटी कमाल

छात्रों का कहना है कि डीयू के स्पेशल स्कूल में शैक्षणिक संगठन सक्रिय हैं। उनके अधिक निबंध नार्थ पेटिल में ही दिखाया गया है, लेकिन उनमें कुछ खास काम का भी नहीं मिला। ऑल इंडिया एसोसिएशन एसोसिएशन (आइसा) और प्राइवेट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) की ओर से सभी पार्टियों पर चुनाव लड़ा गया था। आइसा के उम्मीदवार किसी भी चरण में प्रभावशाली नहीं दिखें। आइसा ने राष्ट्रपति पद के लिए आयशा अहमद खान, उपाध्यक्ष पद के लिए अनुष्का चौधरी, सचिव पद के लिए आदित्य प्रताप सिंह और संयुक्त सचिव पद के लिए अंजलि कुमारी को मैदान में उतारा गया।

आयशा को 3335 वोट मिले। हालांकि, आयशा तीसरे नंबर पर रहीं। लेकिन उनका असर दिखाई नहीं देता। उपराष्ट्रपति की टिप्पणी पर 3492 वोट मिले, जबकि उपाध्यक्ष पद पर 3914 वोट नोट ही डाले गए थे। सचिव पर लड़ रहे आदित्य प्रताप सिंह को 3884 वोट मिले। यहां नोटा को 5108 वोट दिए गए हैं। सचिव संयुक्त पर अंजलि मैदान में। उन्हें 4195 वोट मील। यहां भी नोटा को 4786 वोट मिले।

जानिए SFI को कितने वोट मिले

इसी तरह एसएफआइ के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार आरिफ अटारी को 1838 वोट मिले। यहां नोटा को 2751 वोट दिए गए हैं। उपाध्यक्ष पद पर अंकित चुनावी लड़कियाँ रह रहे थे। उन्हें 2906 वोट मिले, जबकि इस पद पर नोटा को 3914 वोट मिले। सचिव अभ्यर्थी अलाटिस्ट को 5150 वोट मिले।

वामपंथियों में वे सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाली रैली हैं, लेकिन तीसरे स्थान से आगे नहीं बढ़ेंगी। सचिव संयुक्त पर निष्ठा सिंह मैदान में थीं। उन्हें 3311 वोट मील। वे चौथे स्थान पर हैं। यहां नोटा को अधिक वोट मिले। नोटा का विकल्प सर्वाधिक सचिव पद पर चयन, जबकि यहां दोनों की स्थिति यहीं मैदान में थी। इसके बाद संयुक्त सचिव पर 4786, उपाध्यक्ष पर 3914 और अध्यक्ष पर 2751 छात्रों ने नोटा का बटन रखा।