इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Earthquake Destruction Detected : वैज्ञानिकों को चिली में 38,000 साल पहले आए एक विनाशकारी भूकंप के बारे में पता लगा है। उक्त भूकंप ने पूरे विश्व के देशों के भूगोल को बदलकर रख दिया था। चिली यूनिवर्सिटी के शोधकतार्ओं को अध्ययन में पता चला है कि विश्व के सबसे सूखे रेगिस्तान में 38 हजार साल पहले आया भूकंप काफी विनाशकारी था। यह खबर 06 अप्रैल को अध्ययन साइंस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
वैज्ञानिकों के अनुसार 9.5 तीव्रता वाले यह विनाशकारी भूकंप अपने साथ सूनामी भी लाया था। इस भूकंप की वजह से 66 फुट तक ऊंची लहर उठी थी। जिसकी वजह से आटाकामा मरूस्थल के तट पर तबाही मच गई थी। वैज्ञानिकों ने अपने ताजा अध्ययन में दावा किया है कि यह पृथ्वी के इतिहास की रोमांचक जानकारी है। सात साल तक चले इस अध्ययन के प्रमुख शोधकतार्ओं में से एक गेब्रिएल ईस्टन ने बताया कि उत्तरी चिली और आंतोफगास्ता इलाकों के बीच ऐसे प्राचीन समुद्र तट हैं। जिनकी ऊंचाई समुद्र तल से चार से सात मीटर ऊंचा है। समुद्र के जलस्तर में हुए बदलाव से इन तटों के बने होने की बात समझ में नहीं आती।
इस मामले में एक अन्य पुरातत्वविद डिएगो सालजार बताते है कि हमारा मानना है कि इस घटना ने बहुत बड़ी संख्या में जानें ली होंगी। इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोग विस्थापित हुए होंगे और अन्य जगहों पर जाकर बस गए होंगे। गौरतलब है कि 2010 में चिली के दक्षिणी तटीय इलाके में 8.8 की तीव्रता का भूकंप आया था, जिसने सैकड़ों लोगों की जानें ली थीं।
ईस्टन इस बात पर जोर देते हुए बताया कि उत्तरी चिली में जब खतरों का आकलन किया जाता है तो इस क्षमता के भूकंप और सूनामी के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने बताया कि अध्ययन का मकसद यह समझना था कि प्राचीन काल में इस तरह की भयानक प्राकृतिक आपदाएं कितनी बार आई हैं। यह समझने की बात है। (Earthquake Destruction Detected)
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