Ease of doing business in Delhi: देश में व्यवसाय को अधिक सुगम बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों का प्रयास निरंतर जारी है। अब इस दिशा में केजरीवाल सरकार की ओर से अहम फैसला लिया गया है। दरअसल, दिल्ली सरकार द्वारा राजधानी में व्यवसायिक गतिविधियों को और गति प्रदान करने के उद्देश्य से 16 विभागों के व्यवस्थाओं में सुधार को मंजूरी दी गई है। जिनमें परिवहन, बिजली, आईटी, राजस्व, श्रम, डीपीसीसी, प्रशासनिक सुधार, अग्निशमन सेवा, स्वास्थ आदि मुख्य विभाग शामिल हैं। इसके साथ-साथ माध्यमवर्ग के व्यापारियों पर बोझ को कम करने के लिए डिजिटलाइजेशन को भी केंद्र में रखा गया है।
ज्ञात हो कि, राजधानी में काम करने के लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से हजारों कामकाजी लोग आते हैं जो दिल्ली में रहकर व्यवसाय कर परिवार को चलाने चाहते है लेकिन राजधानी में बिजनेस और उद्यमिता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए कई विभागीय कठिनाईयों को सामना करना पड़ता है। इसी दिशा में सुधार को लेकर दिल्ली सरकार ने अहम बदलाव किये हैं। ताकि व्यवसायी करने के दौरान आने वाली विभिन्न चुनौतियों को कम किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि भारत “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” की रैंकिंग में लगातार सुधार की दिशा में अग्रसर है। इस दिशा में केंद्र सरकार की ओर से कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इसी वर्ष( 2023-24) आम बजट पेश के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की दिशा में अहम पहल करते हुए व्यापार में सुगमता लाने के लिए 3400 कानूनी प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर लाने का फैसला किया था।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस का मतलब है कि किसी भी देश में कारोबार कितनी सुगमता से शुरू किया जा सकता है। जिसमें कोई कारोबार शुरू करना, निर्माण परमिट, बिजली मिलने में आसानी, संपत्ति का पंजीकरण, क्रेडिट सुविधा/नीति, अल्पसंख्यक निवेशकों का संरक्षण, करों का भुगतान किया जाना और सरकारी हस्ताक्षेप जैसे अहम विषयों को घ्यान में रखा जाता है। विश्व बैंक द्वारा हर साल इस संबंध में रिपोर्ट जारी किया जाता है जिसमें उपर्यक्त चीजों के मद्देनजर दुनिया के 190 देशों को रैंक करता है। 2019 के रिपोर्ट के मुताबिक भारत का रैंक 190 में 63 वां था।