होम / ED Raids: अगर दूसरे समन पर भी नहीं आए अरविंद केजरीवाल तो ED के पास क्या होंगे विकल्प?

ED Raids: अगर दूसरे समन पर भी नहीं आए अरविंद केजरीवाल तो ED के पास क्या होंगे विकल्प?

• LAST UPDATED : November 2, 2023

India News(इंडिया न्यूज़), ED Raids: ईडी के समन पर सीएम केजरीवाल के कड़े जवाब के बाद अब चर्चा शुरू हो गई है कि ईडी का अगला कदम क्या होगा? ईडी द्वारा दूसरा समन जारी करने की चर्चा है, लेकिन इसके साथ ही गिरफ्तारी की भी चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि अगर सीएम ईडी के सामने पेश नहीं होते हैं तो ईडी अपनी ताकत का इस्तेमाल कर सकती है।

अरविंद केजरीवाल को भेजा नोटिस

दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजकर आज पूछताछ के लिए बुलाया था। केजरीवाल आज ईडी के सामने पेश नहीं हुए। केजरीवाल ने ईडी को जवाब लिखकर नोटिस को राजनीति से प्रेरित और गैरकानूनी बताया। चर्चा है कि जांच एजेंसी ने केजरीवाल को समन करने से पहले सबूत जुटा लिए हैं। इस मामले में जांच एजेंसी ने पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को गिरफ्तार किया है।

ED का अगला कदम क्या होगा?

ईडी के समन पर सीएम केजरीवाल के कड़े जवाब के बाद अब चर्चा शुरू हो गई है कि ईडी का अगला कदम क्या होगा? ईडी द्वारा दूसरा समन जारी करने की चर्चा है, लेकिन इसके साथ ही गिरफ्तारी की भी चर्चा चल रही है। कहा जा रहा है कि अगर सीएम ईडी के सामने पेश नहीं होते हैं तो ईडी अपनी ताकत का इस्तेमाल कर सकती है। समन पर पेश नहीं होने पर क्या ईडी केजरीवाल को गिरफ्तार कर सकती है? इन सवालों का जवाब ईडी की शक्ति और उसे दी गई शक्तियों में निहित है।

ED क्या है, यह कैसे काम करता है?

यह वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एक सरकारी एजेंसी है, जिसे विशेष रूप से वित्तीय गबन या धोखाधड़ी की जांच करने वाली केंद्रीय एजेंसी के रूप में जाना जाता है। यह जांच भी इस निदेशालय का मुख्य काम है। आज़ादी के बाद वर्ष 1947 में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम बनाया गया, जो वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के नियंत्रण में था। प्रवर्तन इकाई का गठन वर्ष 1956 में किया गया था। इसमें आर्थिक मामलों के विभाग का गठन किया गया था। वर्ष 1957 में इसका नाम बदलकर प्रवर्तन निदेशालय कर दिया गया, जिसे ईडी कहा जाने लगा। वर्ष 1960 में ईडी को राजस्व विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया और तब से यह उसी में काम कर रहा है।

ED कब सक्रिय होती है?

ईडी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत कार्रवाई करती है। इसके साथ ही यह आपराधिक श्रेणी के वित्तीय धोखाधड़ी और धन संबंधी मामलों पर भी गौर कर रही है। ईडी विशेष रूप से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट 2002 के तहत कार्रवाई करती है। साल 2018 में जब सरकार ने देखा कि बड़ी संख्या में आर्थिक अपराधी देश छोड़कर भाग रहे हैं तो भगोड़ा अपराधी एक्ट लाया गया, इसे भी ईडी के अधीन रखा गया। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (फेमा)। धन शोधन निवारण अधिनियम 2002 (पीएमएलए)। भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 (FEOA)। ईडी फेमा के तहत विदेशी मुद्रा नियमों के उल्लंघन की जांच करता है।

ईडी के पास शक्तियां हैं, कभी भी गिरफ्तार कर सकती है

एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों को गिरफ्तार करने और उनकी संपत्ति और उनके धन को जब्त करने की शक्तियां हैं। अवैध वित्तीय गतिविधियों पर ईडी कार्रवाई कर सकती है। ईडी के पास संपत्ति जब्त करने, छापेमारी करने और गिरफ्तार करने का अधिकार है। ईडी की ताकत का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि एजेंसी बिना पूछताछ के भी संपत्ति जब्त कर सकती है।

इसे भी पढ़े:

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
mail logo

Subscribe to receive the day's headlines from India News straight in your inbox