Edible Oil Prices Increased By Rs 10 to 15 खाद्य तेलों के दामों में आई 10 से 15 रूपये तक की बढ़ोतरी
इंडिया न्यूज,नई दिल्ली ।
Edible Oil Prices Increased By Rs 10 to 15 : एक तरफ रुस और युक्रेन का युद्ध चल रहा है दूसरी और दिल्ली एनसीआर में खाद्य तेलों के दामों में 10 से 15 रूपये तक की बढ़ोतरी हो रही है । पुरानी दिल्ली के थोक खाद्य तेल के नया बाजार में सूरजमुखी, सोयाबीन, बिनोला व पाम आयल समेत अन्य तेलों के दाम में पांच से दस रुपये प्रति लीटर की बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
वहीं, पूर्वी दिल्ली, नई दिल्ली व बाहरी दिल्ली समेत अन्य इलाकों के खुदरा बाजारों में तेल के दाम एक हफ्ते में ही 15 से 30 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ गए हैं। सरसों तेल का थोक दाम तो स्थिर है, पर खुदरा में तीन रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा है। वहीं, खुदरा बाजार में सूरजमुखी तेल अभी 170 रुपये प्रति लीटर है, जबकि यह पहले 155 से 160 रुपये था। इससे लोगों पर महंगाई की मार पड़ने लगी है। यह स्थिति तब है जब देश में आयात होने वाले कुल खाद्य तेलों का कुछ ही हिस्सा रूस और यूक्रेन से आता है।
मूल्य वृद्धि में युद्ध नहीं मुनाफाखोर है जिम्मेदार Edible Oil Prices Increased By Rs 10 to 15
इस बढ़ोत्तरी के लिए युद्ध नहीं, मुनाफाखोर जिम्मेदार हैं। इसकी आड़ में बड़ी कंपनियों और आढ़तियों से लेकर खुदरा बाजार में मुनाफाखोर सक्रिय हो गए हैं, जिनका काम पैसा बनाना है। इसी तरह की बढ़ोत्तरी स्टील समेत अन्य जरूरी वस्तुओं में भी देखी जा रही है। तीन दिन में ही स्टील के दाम 15 रुपये किलो तक बढ़ गए हैं, जबकि स्टील न रूस से आता है और न ही यूक्रेन से। दिल्ली वेजिटेबल आयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के महासचिव हेमंत गुप्ता ने कहा कि युद्ध के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेल के दाम जरूर कुछ बढ़े हैं। किंतु इतने भी नहीं बढ़े हैं कि कुछ दिनों में ही उपभोक्ता के लिए ये 30 रुपये तक महंगे हो जाएं। ऊपर से देश में सरसों की बंपर पैदावार हुई है, जिसका सकारात्मक असर बाजार पर होनी चाहिए।
दाम बढाने के लिए लोगों को कहा आ जाएं बाज:महामंत्री
देश के प्रमुख कारोबारी संगठन कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने ऐसे लोगों को दाम बढ़ाने से बाज आने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि कुछ खाद्य तेल कंपनियां हैं, जो ऐसे मौकों का फायदा उठाने में जुटी हैं और तेल के दाम बढ़ा रही हैं। इन पर लगाम लगाया जाना चाहिए। युद्ध यूक्रेन में चल रहा है, ऐसे में यहां खाद्य तेल का दाम बढ़ने का कोई कारण नहीं है। खाद्य तेल महंगा होने से आम उपभोक्ताओं को परेशानी शुरू गई है। कोरोना महामारी से अभी आर्थिक स्थिति संभली भी नहीं थी कि अब इस महंगाई से जनता परेशान हो रही है।
Edible Oil Prices Increased By Rs 10 to 15
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