Electricity Subsidy: दिल्ली में बिजली सब्सिडी को लेकर राजनीति चलती रहती है। इसी में एक बार फिर यह सियासी घमासान तेज हो गया है। आपको बता दें दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल व भाजपा पर बिजली सब्सिडी को खत्म करने का आरोप लगाया है। जिसमें उन्होंने कहा कि साजिश के साथ मुफ्त बिजली रोकने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार ने कहा था कि दिल्ली सरकार की मुफ्त बिजली योजना बंद नहीं होनी चाहिए।
आपको बता दे उपराज्यपाल व भाजपा पर निशाना साधते हुए ऊर्जा मंत्री आतिशी ने कहा कि बिजली विभाग से एक फाइल आई है, जिसमें किसानों और वकीलों के चैंबर में मिलने वाली फ्री बिजली बंद करने का प्रस्ताव है। जिसमें आतिशी ने पूछा कि जब सरकार ने इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं बनाया तो ये आया कहा से है। जानकारी के लिए बता दे आतिशी ने कहा कि बिजली विभाग के अधिकारियों ने मुझे बताया कि उपराज्यपाल और भाजपा नेताओं के दबाव के कारण इस तरह का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
आपको बता दे विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि बिजली मंत्री आतिशी का आरोप बेबुनियाद है। राजधानी में किसानों को मुफ्त बिजली की सुविधा मिलती ही नहीं तो उपराज्यपाल के दबाव में इसे बंद करने का प्रश्न ही नहीं उठता। आतिशी अभी नई-नई मंत्री बनी हैं और उन्होंने यह होम वर्क भी नहीं किया कि दिल्ली में किसानों के लिए मुफ्त बिजली की कोई योजना ही नहीं है। किसानों के साथ केजरीवाल का सौतेला व्यवहार जगजाहिर है।
आतिशी का दावा हुआ गलत: सचदेवा
आपको बता दे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बिजली मंत्री आतिशी के दावे को गलत बताया है जिसमें उन्होंने कहा है कि किसानों और वकीलों की फ्री बिजली बंद करने का दबाव बनाया जा रहा है। सच्चाई यह है कि उपराज्यपाल कार्यालय ने ऐसा कोई सुझाव अधिकारियों को नहीं दिया। सच तो यह है कि दिल्ली सरकार किसानों को एक यूनिट भी बिजली फ्री नहीं देती है, बल्कि गरीब किसानों से प्रति ट्यूबवेल 10 से 20 किलोवाट पर लोड चार्ज वसूलती है।
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