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False Allegations are Character Assassination of Husband and His Family झूठें आरोप पति और उसके परिवार का चरित्र हनन है

• LAST UPDATED : March 13, 2022

False Allegations are Character Assassination of Husband and His Family झूठें आरोप पति और उसके परिवार का चरित्र हनन है

इंडिया न्यूज,नई दिल्ली ।

False allegations are character assassination of husband and his family : पति व उसके परिवार के सदस्यों पर झूठें आरोप लगाना स्पष्ट रूप से उनका चरित्र हनन है । उच्च न्यायालय ने एक हिंदू दंपती के विवाह को यह कहते हुए भंग कर दिया कि पत्नी ने पति के खिलाफ झूठी शिकायत की थी। इस वजह से पति की अत्यधिक मानसिक प्रताड़ना हुई। न्यायमूर्ति विपिन सांघी की एक पीठ ने कहा कि मौजूदा मामले में झूठे आरोप पति का और उसके परिवार के सदस्यों का मानसिक प्रताड़ना है ।

पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति जसमीत सिंह भी शामिल हैं। पीठ ने एक परिवार अदालत के उस आदेश को निरस्त कर दिया, जिसमें दंपती को तलाक देने से इनकार कर दिया गया था। पीठ ने कहा कि परिवार अदालत ने इस बात को नजरअंदाज किया कि पुलिस थाने जाने से पति की मानसिक प्रताड़ना हुई, जो नहीं जानता था कि उसके खिलाफ कब एक मामला दर्ज किया गया और वह गिरफ्तार हो जाएगा। पीड़ित व्यक्ति ने अधिवक्ता सुमित वर्मा के मार्फत परिवार अदालत के आदेश के खिलाफ एक अपील दायर की थी। दरअसल, उसकी पत्नी ने महिलाओं के खिलाफ अपराध (सीएडब्ल्यू) संबंधी प्रकोष्ठ के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी।

पुलिस थाना किसी के जाने का सर्वश्रेष्ठ स्थान नहीं है False allegations are character assassination of husband and his family

अदालत ने इस बात का जिक्र किया कि ससुराल का घर छोड़ने के करीब दो साल बाद और विवाह के तीन साल बाद पत्नी ने प्रकोष्ठ में एक शिकायत दर्ज करा दहेज की मांग, बदसलूकी, शारीरिक एवं मानसिक यातना सहित अन्य निर्ममता के आरोप लगाये थे तथा ये सभी आरोप बेबुनियाद थे। पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता (पति) को इस शिकायत के सिलसिले में 30-40 बार पुलिस थाने जाना पड़ा। पुलिस थाना किसी के जाने के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थानों में शामिल नहीं है।

अभियोग तय करते समय साक्ष्यों का नहीं कर सकते मूल्यांकन

हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी आपराधिक मामले में अभियोग तय करते समय साक्ष्यों का मूल्यांकन नहीं किया जा सकता। ट्रायल कोर्ट को देखना होता है कि आरोपी के खिलाफ प्रथम दृष्टया मुकदमा चलाने के लिए साक्ष्य हैं या नहीं। अदालत ने नौकरी दिलवाने का झांसा देकर एक महिला का यौन शोषण व ब्लैकमेल करने के मामले में आरोपी सेत्तू की याचिका खारिज करते हुए उक्त टिप्पणी की।

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