India News(इंडिया न्यूज़),Famous Shiva Temple in Delhi: महाशिवरात्रि के दिन हिंदू धर्म के लोग भगवान शिव की पूजा करते हैं। अगर आप महाशिवरात्रि पर किसी मंदिर में जाने का प्लान बना रहे हैं तो आपको दिल्ली के इन मंदिरों में जरूर जाना चाहिए।
दिल्ली के प्रसिद्ध शिव मंदिर: हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का त्योहार बहुत महत्वपूर्ण है। इस साल शिवरात्रि व्रत 8 मार्च को रखा जाएगा। महाशिवरात्रि के दिन शिव मंदिरों में भोलेनाथ के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। लोग सुबह-सुबह ही शिव मंदिरों में पहुंचने लगते हैं। वैसे तो देश में कई शिव मंदिर हैं, लेकिन आज हम आपको राजधानी के प्रसिद्ध शिव मंदिरों के बारे में बताएंगे।
दिल्ली के यमुना बाजार में स्थित नीली छत्री मंदिर काफी प्रसिद्ध है। यह मंदिर महाभारत काल का बताया जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना युधिष्ठिर ने की थी। उन्होंने अक्ष्वमेघ यज्ञ के लिए इसी स्थान को चुना था। यह मंदिर 5500 साल पुराना बताया जाता है। यह मंदिर सुबह 5 बजे खुलता है और रात 11 बजे बंद हो जाता है। यहां प्रतिदिन कई लोग भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन, महाशिवरात्रि के दिन यहां का नजारा अलग ही होता है।
दिल्ली में शिवाजी पर स्थित इस मंदिर का उद्घाटन वर्ष 1994 में पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। इस मंदिर में भगवान शिव की 100 फीट विशाल मूर्ति भी है, जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। यहां भगवान शिव के अलावा माता पार्वती, नंदी, सीता और श्रीराम आदि की मूर्तियां भी देखी जा सकती हैं। इस मंदिर की सभी मूर्तियाँ कांसे से बनी हैं। यह मंदिर सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक खुला रहता है। आपको महाशिवरात्रि के मौके पर इस मंदिर के दर्शन जरूर करने चाहिए।
गाजियाबाद का श्री दूधेश्वरनाथ महादेव मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है। कहा जाता है कि यह मंदिर 50000 साल पुराना है। इस मंदिर का वर्णन पुराणों में भी किया गया है। यह मंदिर त्रेता युग का है, जब भगवान राम का जन्म भी नहीं हुआ था। इस खूबसूरत मंदिर में हर समय एक मोमबत्ती जलती रहती है। यह मंदिर सुबह 4 बजे से रात 10:30 बजे तक खुला रहता है। महाशिवरात्रि के मौके पर आप अपने परिवार के साथ इस मंदिर के दर्शन जरूर करें।
श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कश्मीरी पंडितों ने करवाया था। यह मंदिर गाजियाबाद के वैशाली में स्थित है। इस मंदिर में वैशाली का सबसे बड़ा शिवलिंग स्थापित है। इतना ही नहीं यहां एक गोपनीय आश्रम भी चलाया जाता है। हर माह के पहले रविवार को यहां हवन भी किया जाता है। इस मंदिर में गोपीनाथजी के जन्मदिन पर एक विशाल भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।
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