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Farmer Protest: किसानों और केंद्र के बीच चौथे राउंड की मीटिंग आज, MSP पर करेंगे बात

• LAST UPDATED : February 18, 2024

India News(इंडिया न्यूज़), Farmer Protest: किसानों ने अपने दल के साथ ‘दिल्ली चलो मार्च’ शुरू किया था, लेकिन पंजाब से आए किसानों ने हरियाणा के शंभू बॉर्डर को ब्लॉक कर दिया। शंभू बॉर्डर पर रोक लगा दी गई। शंभू बॉर्डर पर किसानों को डटे हुए छह दिन हो गए हैं। इस बीच आज किसान नेताओं और सरकार के बीच चंडीगढ़ में चौथे दौर की बातचीत होगी। इससे पहले हुई तीन दौर की बातचीत में कोई सहमति नहीं बन पाई थी। वहीं, आज हरियाणा में भारतीय किसान संघ (चुन्नी गुट) के अवतार में किसानों, मजदूरों और सरपंचों का एक संगठन होगा, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा होगी। किसान आंदोलन के समर्थन में हरियाणा के 7 लोगों की इंटरनेट सेवाएं 2 दिन के लिए बढ़ाए जाने पर चर्चा की गई।

चौथे राउंड की मीटिंग आज (Farmer Protest)

इधर, चौथे दौर की बातचीत से पहले किसान मित्रों ने वकीलों की कानूनी वकालत के लिए एक अध्यादेश लानें की मांग की है। किसान श्रमिक संघर्ष समिति (केएमएससी) के अध्यक्ष सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि अगर सरकार किसानों के विरोध का समाधान चाहती है तो उन्हें सक्रिय प्रभाव से एकजुट होकर कानून बनाना चाहिए, तभी चर्चा आगे बढ़ सकती है। पंधेर का कहना है कि सरकार रातोंरात फैसला ले सकती है, इसकी वैधता छह महीने के लिए है।

आज सरकार से हेगी बातचीत

सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि शंभू बॉर्डर पर आज हमारा छठा दिन है। आज हम सरकार से भी बात कर रहे हैं। सरकार ने कुछ समय मांगा है और कहा है कि वह इस मामले पर केंद्रीय मंत्री से चर्चा कर समाधान निकालेगी। पंढेर की केएमएससी और जगजीत सिंह दल्लेवाल के नेतृत्व वाली भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) दो किसान संगठन हैं। ये दोनों किसान विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। हरियाणा और पंजाब के बीच शंभू बॉर्डर पर किसान अभी भी सूचीबद्ध हैं। हरियाणा में वकीलों की कानूनी संस्थाओं की मांग का समर्थन करते हुए किसान संगठन ने शनिवार को प्रदेश भर में रैली निकाली।

इस बीच, किसान यूनियन (चढाणी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढाणी ने कहा कि केंद्र सरकार ने दिसंबर 2021 में किसानों से भारतीय जनसंपर्क अभियान का वादा किया था और अब वे यू-टर्न ले रहे हैं। 2011 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री और स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट का विश्लेषण करने वाली वित्तीय समिति के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी घोषणा की मांग की थी। केंद्र में कानूनी ढांचा क्यों छीना जा रहा है?

विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है

पंजाब में स्थित एक अन्य किसान संगठन, बीकेयू (एकता उग्राघन) ने कहा है कि वह समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर शहर भर में विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रहे है और राकेश अख्तर के नेतृत्व में पश्चिम यूपी में बीकेयू इकाई ने कहा है कि किसान, जिनमें समुदाय 21 फरवरी को विरोध प्रदर्शन कर अपनी-अपनी सहमति पर जोर देंगे। उत्तराखंड, यूपी, हरियाणा, पंजाब में हड़ताल करेंगे। किसान आंदोलन के तहत हजारों किसानों का काफिला पंजाब से राष्ट्रीय राजधानी के लिए रवाना हुआ, लेकिन उन्हें हरियाणा में रोक दिया गया। इस बीच पुलिस एक्शन मोड में दिखी। उन्होंने सबसे पहले गैस के गोले छोड़े।

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