Friday, July 5, 2024
HomeDelhiFestive Season 2023: दिल्ली के मिठाई और दूध कारोबारी सावधान!, सैंपल हुआ...

India News(इंडिया न्यूज़)Festive Season 2023: रक्षा बंधन के बाद जन्माष्टमी, दशहरा फिर दिवाली-छठ से लेकर होली तक त्योहारों का जश्न मनाया जाता है। इस दौर में मिठाइयों और दूध से बनी हुई चीज़ और खोया आदि की मांग भी बढ़ जाती है। इसका लाभ उठाने के लिए इसके उत्पादक उत्पाद में मिलावट करने से भी नहीं रुकते हैं। कई बार तो ये उत्पाद और चिपचिपे बच्चों के लिए काफी खतरनाक साबित होते हैं।

होली तक बड़े स्तर पर जारी रहेगी कार्रवाई

इस बात को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में उत्पादों के खिलाफ कहा गया, पनीर, मावा, घी, खोया और अन्य डेयरी उत्पादों को स्वादिष्ट बनाने वालों के किसानों ने कमर कस ली है। इसके लिए सरकार की तरफ से हर जिले के लिए रेस्तरां अधिकारियों की सूची बनाई गई है, जो पूरी दिल्ली से दिन में 200 से अधिक आबादियां उठाएंगे। दिल्ली सरकार की खाद्य सुरक्षा के खिलाफ (दिल्ली खाद्य सुरक्षा विभाग) कमिश्नर नॉएज़ बैसाम ने सुझाव दिया कि उत्पादों के होली तक बड़े स्तर पर कार्रवाई होगी। खोया और मावा का उपयोग ज्यादातर मिठाइयाँ बनाने में किया जाता है। त्योहारों के मौसम में इसकी तटीय वृद्धि से लेकर उसके पैमाने तक, विभिन्न प्रकार के मानकों का उल्लंघन करने के साथ-साथ खाद्य पदार्थों में बड़े पैमाने पर उत्पाद बनाए जाते हैं। जिसे रोकने के लिए उनकी टीम लगातार अपनी जांच करती रहती है।

ऐसे होगी मॉइक पर खाद्य पदार्थों का परीक्षण

दिल्ली सरकार ने सभी 11 मिठाईयों, घी, पनीर, खोया और मावा की बिक्री पर रोक लगाने के लिए रॉक मंडली की स्थापना की है। नकली खोया की बिक्री पर रोक के लिए विशेष रिकॉर्ड खोया मंडी मोरी गेट पर अवलोकन पत्रिका। यहां से पूरी दिल्ली में खोया बेचा जाता है। फूड स्टेयरिंग व्हील्स (मोबाइल फूड स्टॉल वैन) का अवलोकन अवलोकन भी किया जाएगा।

3 साल की सज़ा का नियम

खाद्य वस्तुओं के अनसेफ मामले में 6 माह से 3 वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। जबकि सभी मानक वर्गीकरण में न्यूनतम 5 हजार दिल्ली और अधिकतर 5 लाख लगभग तक के सिद्धांत का क्रम है। बता दें कि उत्पाद के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई के तहत बोतल बंद पानी से लेकर पनीर, दूध, घी, मिठाई, सरसों का तेल, रि फ्रांड और सामुद्रिक तक के अवशेषों की जांच की जा रही है। दिल्ली के विभिन्न स्थानों से लेकर लैब में भेजे गए सैंपल की जांच में यह बात सामने आई है।

उत्पादी उत्पाद के 286 उत्पाद

खाद्य सुरक्षा विभाग की रिपोर्ट के अनुसार एक वर्ष 1924 में खाद्य वस्तुओं के विशाल भंडार बने, जिसमें 1844 की रिपोर्ट आई है। रिपोर्ट के अनुसार 1558 में सैंपल जांच में सही पाए गए थे, लेकिन 286 सैंपल जांच में फेल हो गए थे। जिसमें 52 कच्चे माल की सूची दी गई है, जो कि बिक्री के लिए हैं, जबकि बाकी के सामान में निर्धारित गुणवत्ता वाले सामान का प्रावधान नहीं रखा गया है। इस तरह के खाद्य विक्रय उत्पाद नहीं होते हैं, उनके पास कुछ मात्राएँ होती हैं जैसे कुछ खाद्य पदार्थ पर खरी नहीं उतरती वस्तुएँ होती हैं।

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Nidhi Jha
Nidhi Jha
Journalist, India News, ITV network.
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