India News (इंडिया न्यूज़),Child Welfare Committees: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड में भर्ती के लिए सभी औपचारिकताएं 15 अप्रैल तक पूरी करने का निर्देश दिया है। सोमवार (27 फरवरी) को जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने चेतावनी दी कि अगर इस आदेश का पालन नहीं किया गया तो दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव सुनवाई की अगली तारीख पर कोर्ट में उपस्थित होकर जवाब दें। मामले में अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट को बताया कि महिला एवं बाल कल्याण विभाग में भर्ती के लिए आए आवेदनों की जांच की जा रही है और इसमें कुछ समय लगेगा। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि आप 31 मार्च तक भर्ती की सभी औपचारिकताएं पूरी कर लें। तब दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने 15 दिन का और समय मांगा, जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
हाईकोर्ट ने 15 अप्रैल तक का समय देते हुए चेतावनी दी कि अगर 15 अप्रैल तक भर्ती की औपचारिकताएं पूरी नहीं हुईं तो मुख्य सचिव को कोर्ट में आकर बताना होगा कि कोर्ट के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया।
बता दें, HC में ये याचिका बचपन बचाओ आंदोलन ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील एचएस फुल्का और प्रभाषय कौर ने कहा कि दिल्ली की बाल कल्याण समितियों और किशोर न्याय बोर्ड में कर्मचारियों की कमी के कारण बच्चों के पुनर्वास और देखभाल में समस्या आ रही है।
उन्होंने कहा कि स्थिति ऐसी है कि स्टाफ की कमी के कारण जांच ठीक से नहीं हो पाती है. याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली में बाल कल्याण समिति के सदस्यों और अध्यक्षों के पद खाली हैं. दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के 28 नवंबर 2023 के सर्कुलर के मुताबिक 11 में से 6 बाल कल्याण समितियों में अध्यक्ष और 11 सदस्यों के पद खाली हैं. इन समितियों का नेतृत्व पदेन या कार्यकारी अध्यक्षों द्वारा किया जाता है।