इंडिया न्यूज,नई दिल्ली ।
Fire Broke Out Due to Books And Junk : कॉपी किताबों व रद्दी की वजह से आग भड़कने के कारण लपटें बहुत ऊंची तक फैल गई थी । जिसकी वजह से आग इतनी बढ़ गई थी कि 60 झोपड़िया जलकर राख हो गई वहीं 7 बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई । गोकलपुर गांव के जिन झुग्गियों में सात जिंदगियां खत्म हुई हैं, वहां पहले से ही आग फैलाने वाले सभी सामान मौजूद थे। यही वजह रही कि चंद मिनटों में ही आग धधकने के साथ ऊंची-ऊंची लपटें हो गई थीं। आग की लपटों ने सिर्फ चंद मिनटों में ही 60 झुग्गियां जलाकर राख कर दी थीं। ऐसे में दमकल विभाग की टीमें दोपहर तक आग ठंडा करते हुए नजर आईं।
गोकलपुर गांव के मुख्य रोड स्थित विभिन्न जगहों पर गत्ता और कबाड़े का काम होता है। इसे स्थानीय निवासी झुग्गियों में ही इकट्ठा कर उन्हें अलग-अलग कर बेचने का काम करते हैं। जिस जगह पर आग लगी वहां पर भी कॉपी-किताबों के साथ गत्ते व अन्य रद्दियों का ढेर लगा हुआ था।
वहीं, कुछ झुग्गी वालों ने प्लास्टिक का सामान भी इकट्ठा किया हुआ था। उधर, बारिश व धूप से बचने के लिए झुग्गियों के ऊपर प्लास्टिक की तिरपाल भी मौजूद थी। इस वजह से आग को तेजी से फैलने में मदद मिल गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस समय झुग्गी के एक हिस्से में आग लगी तो पास में स्थित ऊंची इमारतों से लोगों ने पानी डालकर आग बुझाने की कोशिश भी की, लेकिन ज्ल्वनशील सामाग्री होने की वजह से लोग आग पर काबू पाने में असफल रहे और घटना बड़ी होती चली गई।
गोकलपुर गांव के लोगों ने बताया कि आग के तेजी पकड़ने के बाद पूरे इलाके में धूएं का गुबार बन गया था। इस वजह से आसपास के कई लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। आग इतनी भयावह थी कि पूरी रात इलाके में काला धुआं छाया रहा।
लोगों का यह भी कहना है कि आग की लपटें इतनी ऊपर तक उठ रही थीं कि दूर से ही लपटों को देखा जा सकता था। वहीं, धुएं की वजह से आसपास की कई इमारतें भी काली पड़ गई हैं। घटनास्थल पर पहुंची दमकल विभाग की गाड़ियां भी पूरी रात तक आग पर काबू करने की कोशिश करती रहीं, तब जाकर सुबह आग काबू में आ सकी। इसके बाद भी रद्दी में लगी आग को ठंडी करने का काम शाम तक जारी रहा।
आग इतनी तेजी से फैली थी कि वह एक प्लॉट से होते हुए दूसरे प्लॉट तक पहुंच गई थी। ऐसे में दो प्लॉटों में मौजूद सभी झुग्गियां कुछ देर में ही जलकर राख हो गई थी। लेकिन, उन्हीं झुग्गियों के किनारे ईटों के ढांटे के पास पर बनी झुग्गी आग से लपटों से बच गई।
ऐसे में यहां रह रहे परिवार का सामान भी पूरी तरह से बच गया। आग से बचे परिवार में शामिल रेखा ने बताया कि जिस समय आग तेजी से बढ़ रही थी। उस समय परिवार झुग्गी में ही मौजूद था, लेकिन इस बीच मौका पाकर परिवार झुग्गी से बाहर निकल गया था।
वहीं, किनारे पर झुग्गी होने की वजह से हम लोग सड़क पर पहुंच गए थे और आग बुझाने के लिए चिल्ला रहे थे। इस बीच कुछ लपटें हमारी झुग्गियों की ओर बढ़ी, लेकिन झुग्गी के बराबर में ईटों के ढांचा होने की वजह से आग हमारी झुग्गी तक नहीं पहुंच सकी।
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