इंडिया न्यूज, New delhi news : राजधानी दिल्ली में लोग अपने जीवन भर की कमाई को किस तरह लूटाकर सरकारी तंत्र अफसरों और दिल्ली पुलिस के पीछे भटकते हैं इसका ताजा उदाहरण सामने आया है। ्रगौरतलब है कि कंझावला की एमटीएनएल एंप्लाइज हाउस वेलफेयर सोसाइटी के फ्लैट्स बुक करवाने वाले लोगों का कहना है कि इन लोगों से करीब 7 साल पहले सोसायटी के लोगों ने कई लाख रुपए अपने खातों में जमा करवा लिए है। लेकिन 7 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक इन सोसायटी के नाम पर न तो घर मिला और न ही वापस रुपए ही मिला।
सोसायटी के सदस्यों ने प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अपना दुख मीडिया के सामने बताया। इन लोगों ने बताया कि एमटीएनएल के पूर्व कर्मचारियों ने सोसाइटी बनाने के नाम पर लाखों रुपए सोसायटी के खाते में जमा करवाए लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी इन्हें न तो घर मिला और न ही रुपए वापस हुए है। इस मामले की शिकायत दिल्ली पुलिस और आर्थिक अपराध शाखा दिल्ली पुलिस में की गई थी। लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। पुलिस कई सालों से जांच के नाम पर अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं की है।
इन लोगों ने आज दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार दोनों से मांग की है कि जिन लोगों ने रुपया गबन किया है उन लोगों को जल्द से जल्द सलाखों के अंदर किया जाए। पीड़ित जेपी जैन ने बताया कि सोसाइटी के पदाधिकारियों ने सोसाइटी के मेंबरों के पैसे कंझावला में फ्लैट्स बनाने के नाम पर जमीन खरीदी जो कि वह एग्रीकल्चर लैंड था। मेंबरों के बिना इजाजत के सोसायटी के प्रेसिडेंट प्रकाश चंद्र ने 4 करोड़ रुपए बिल्डर्स को फ्लैट बनाने के लिए दे दिए लेकिन अभी तक न तो फ्लैट्स बनाया गया और न ही हमारे रुपए वापस किए गए।
जेपी जैन का कहना है कि सोसाइटी में भ्रष्टाचार में शामिल पदाधिकारियों को जेल भेजा जाए और हमारे रुपए ब्याज सहित वापस दिलाए जाएं। उन्होंने आगे कहा कि यह करीब 15 से 20 करोड़ रुपये के गबन का मामला है। लेकिन इस मामले में दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा गंभीर नहीं है। यदि हम सभी सोसाइटी के सदस्यों को न्याय मिल नहीं मिला तो हम सब आत्महत्या के लिए भी मजबूर हो सकते हैं। जिसकी जिम्मेदार दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों और भ्रष्ट सोसाइटी के पदाधिकारियों पर होगी।
जेपी जैन ने बताया कि एमटीएनएल एम्पलाइज हाउस वेलफेयर सोसाइटी का गत 15 वर्षों से चुनाव नहीं हुआ है। इसी से पता लगाया जा सकता है कि प्रजेंट में प्रेसिडेंट प्रकाश चंद्र सोसाइटी के नियमों का खुला उल्लंघन कर रहे है और अपनी दबंगई के दम पर सोसाइटी के लोगों को परेशान कर रहे है। जेपी जैन ने बताया कि प्रकाश चंद्र और उसके बेटे जतिन ने इसी नाम से दूसरी सोसाइटी बनाई थी।
जिसमें 50 मेंबरों ने पैसा जमा किए थे जो लगभग चार करोड़ 4, 70 लाख रुपए थे। इस फर्जीवाड़े में प्रकाश चंद्र के बेटे जतिन को आर्थिक अपराध दिल्ली पुलिस शाखा ने गिरफ्तार कर 2020 में जेल भेज दिया था । हम लोगों का मामला काफी पुराना है लेकिन इसके बावजूद भी प्रकाश चंद्र पुलिस की गिरफ्त से बचा हुआ है। इस मामले में पुलिस को शीघ्र कार्रवाई की जानी चाहिए।
Also Read : जाली दस्तावेजों पर पुलिस अफसर की नौकरी पाने वाले संजय सहरावत निलंबित