इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
भाजपा के पूर्व विधायक मनोज शौकीन के खिलाफ उनकी बहू की ओर से पश्चिम विहार थाने में दर्ज कराया गई दुष्कर्म की एफआईआर को दिल्ली हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि वैसे तो दुष्कर्म गंभीर अपराध है, लेकिन यह वैवाहिक विवाद के कारण उत्पन्न हुआ। पीठ ने कहा कि मनोज शौकीन के बेटे गौरव शौकीन और उसकी पत्नी के बीच चार दिसंबर 2021 को तलाक हो चुका है। ऐसे में मनोज शौकीन के खिलाफ मामला जारी रखने का कोई लाभ नहीं होगा। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के आधार पर एफआईआर रद्द करने का आदेश दिया गया है।
सुनवाई के दौरान पीठ को सूचित किया गया कि समझौते के तहत प्रतिवादी को 60 लाख रुपए अदा कर दिए गए हैं। बता दें कि दिल्ली विधानसभा 2020 चुनाव से ठीक पहले आरोप लगने से मनोज शौकीन की छवि को आघात पहुंचा था और उनकी जगह पार्टी ने उनकी पत्नी को नांगलोई जाट से चुनाव मैदान में उतारा था। मनोज शौकीन भाजपा दिल्ली के वरिष्ठ नेता हैं और नांगलोई जाट विधानसभा व मुंडका विधानसभा से प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
मनोज शौकीन ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के नजदीक रहकर राजनीति के गुर सीखे थे और 1997 में निगम पार्षद के रूप में राजनीतिक करियर की शुरूआत की थी। मनोज शौकीन का कहना है कि इस मुकदमे के चलते उन्हें और उनकी परिवार को काफी परेशानी झेलनी पड़ी और अंत में यह कहकर कोर्ट का धन्यवाद करना चाहेंगे कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।