इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Four Percent Of The Population Of Hindus In Four States : देश के चार राज्यों में हिंदुओं की आबादी चार फीसदी से भी कम हो गई है। इसे लेकर एक प्रश्न बना हुआ है कि क्या हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा मिलेगा। देश के छह राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने का मामला देश की सर्वोच्च अदालत की चौखट पर है।
सुप्रीम कोर्ट इस मामल की सुनवाई मई में हो सकती है। वकील और भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग अधिनियम 1992 और राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्था आयोग की वैद्यता को चुनौती देते हुए इन राज्यों में हिंदुओं को अल्संख्यक का दर्जा देने की वकालत की है।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने बताया कि राज्य में मुस्लिम समुदाय के लोग अब अल्पसंख्यक नहीं है। राज्य के कई जिलों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। ऐसे में हिंदुओं को भी अल्पसंख्यक का दर्जा मिलना चाहिए। कई ऐसे जिले हैं जहां हिंदुओं की आबादी पांच हजार से भी कम है।
टीएमसी सांसद शांता क्षेत्री ने राज्यसभा में यह मांग की है कि मेघालय में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा मिलना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय से अपील करते हुए कहा है कि राज्यों में जहां हिंदुओं की संख्या कम है वहां हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा मिलना चाहिए।
लद्दाख 01 प्रतिशत, मिजोरम 2.75 प्रतिशत, लक्षद्वीप 2.77 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर 04 प्रतिशत, नागालैंड 8.74 प्रतिशत, मेघालय 11.52 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश 29 प्रतिशत, पंजाब 38.49, मणिपुर 41 प्रतिशत,
लद्दाख में मुस्लिम 46 प्रतिशत, मिजोरम में इसाई 87 प्रतिशत, लक्षद्वीप में मुस्लिम 96.58 प्रतिशत, जम्मू-कश्मीर में मुस्लिम 68.3 प्रतिशत, नागालैंड में इसाई 90.2 प्रतिशत, मेघालय में इसाई 74.59 प्रतिशत, अरुणाचल प्रदेश में इसाई 30.26 प्रतिशत, पंजाब में सिख 57.69 प्रतिशत, मणिपुर में इसाई 41.29 प्रतिशत है। यह आकड़ा 2011 में किए गए जनगणा के अनुसार है। (Four Percent Of The Population Of Hindus In Four States)
पीयू रिसर्च सेंटर की माने तो देश में हिंदुओं की आबादी 79.8 फीसदी है। जबकि मुस्लिमों की 14.2, इसाई, बौद्ध, जैन, सिख धर्म की आबादी छह फीसदी है। 1951- 2011 के बीच हिंदू जनसंख्या में 4.3 फीसदी की कमी आई हैं। वहीं मुस्लिमों की आबादी में 4.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई हैं।
भारत सरकार ने छह धर्मों को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया है। इसमें मुस्लिम, इसाई, सिख, बौद्ध, पारसी और जैन धर्म शामिल है। सरकार ने 2014 में जैन धर्म को अल्पसंख्यक की श्रेणी में शामिल किया था। वहीं अन्य धर्मों को 1993 में ही अल्संख्यक का दर्जा दे दिया था।
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र सरकार एक फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि 2016 में राज्य सरकार ने यहूदियों को अल्पसंख्यक समुदाय का दर्जा दिया था। ऐसे में राज्य अपने यहां धार्मिक या भाषा के आधार पर अल्पसंख्यक का दर्जा दे सकता है। (Four Percent Of The Population Of Hindus In Four States)
कर्नाटक सरकार ने हिंदी, उर्दू, तेलगु, तमिल, मलयालम, मराठी, तुलु, लमानी, कोणकणी और गुजराती भाषा को अल्पसंख्यक का दर्जा दिया है। अल्पसंख्यक मंत्रालय के अनुसार वर्ष 2014 के बाद से अल्पसंख्यक समुदाय के पांच करोड़ छात्र-छात्राओं को आर्थिक सहायता की गई है।
देश में अल्पसंख्यक आयोग का गठन वर्ष 1992 में किया गया था। जिस धर्म को अल्पसंख्यक का दर्जा मिलता है उसे सरकारी नौकरियों में आरक्षण, बैंकों से सस्ता कर्ज और अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त शिक्षण संस्थानों में दाखिले में वरीयता के साथ अन्य सुविधाएं मिलती है। इससे लोगों के जीवन में बेहतर अवसर मिलते है। (Four Percent Of The Population Of Hindus In Four States)
Also Read : High Court Strict : अतिक्रमण और अनधिकृत निर्माण के खिलाफ हाई कोर्ट सख्त
Also Read : Delhi riots 2020 : दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोनिया गांधी-राहुल गांधी, अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा को भेजे नोटिस
Also Read : Hearing In High Court On May 10 : उच्च न्यायालय में एफबी-ट्विटर और गूगल की याचिकाओं पर 10 मई को सुनवाई
Also Read : Pradeep Runs On The Streets At Night To Fulfill His Dream : दिन को काम करने के बाद प्रदीप अपने सपने को पूरा करने के लिए रात को सड़को पर है दौड़ता
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube