India News (इंडिया न्यूज़) : दिल्ली फायर ऑपरेटर एग्जाम में अपनी जगह दूसरा कैंडिडेट बिठाने को लेकर क्राइम ब्रांच ने एक और मुकदमा दर्ज किया है। सामने आई जानकारी के अनुसार, दिल्ली सब-ऑर्डिनेट सर्विसेज सिलेक्शन बोर्ड यानि DSSSB की विजिलेंस जांच में रिटन और ड्राइविंग टेस्ट में अलग-अलग कैंडिडेट के एग्जाम देने की बात सामने आई है। बता दें, इससे पहले क्राइम ब्रांच ने फायर ऑपरेटर के पहले के एग्जाम को लेकर बीते जुलाई में भी एक FIR दर्ज किया था। इस मामले में पुलिस अधिकारीयों ने किसी बड़े गिरोह के सक्रिय होने की आशंका जाहिर की है।
पुलिस ने दर्ज किया FIR
DSSSB के अनुसार, दिल्ली के तीन परीक्षा केंद्रों पर 20 अप्रैल और 22 अप्रैल को लिखित एग्जाम हुआ था। इसके बाद इन कैंडिडेट्स का ड्राइविंग टेस्ट 28 जून, 1 जुलाई और 4 जुलाई को लिया गया था। CBT एग्जाम और ड्राइविंग स्किल्स टेस्ट के हैंडराइटिंग परफॉर्मा, बायोमीट्रिक रिपोर्ट और कैंडिडेट्स के फोटोग्राफ की स्क्रूटनी की गई। इस दौरान तीन कैंडिडेट का मिलान नहीं हुआ। यानी इन दोनों परीक्षाओं में एक के बदले दो अलग-अलग कैंडिडेट बैठे थे।
फिर हुआ दिल्ली फायर ऑपरेटर एग्जाम में फर्जीवाड़ा
पुलिस ने इन कैंडिडेट्स की पहचान हरियाणा के रोहतक जिले के अजय, राजस्थान के दौसा जिले के धीरेंद्र मीणा और यूपी के मथुरा जिले के राजकुमार के तौर की है। पुलिस ने तीनों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। मालूम हो, जांच के दौरान यह बात भी सामने है आई कि 2019 से लेकर 1 अगस्त 2022 के बीच में हुए फायर ऑपरेटर के एग्जाम में भी गड़बड़ी कर भर्ती होने के मामले सामने आए थे। तब क्राइम ब्रांच ने जुलाई में इस गड़बड़झाले को लेकर केस दर्ज किया था। इन दोनों मामलों में अधिकतर आरोपी हरियाणा, राजस्थान और यूपी से हैं।
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