India News(इंडिया न्यूज), Delhi AIIMS News: दिल्ली एम्स में इलाज के लिए जाने वाले मरीज अक्सर जल्द बेड पाने के चक्कर में धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। यह समस्या अस्पताल प्रशासन को लंबे समय से मरीजों के द्वारा प्राप्त हो रहा था। अब अस्पताल प्रशासन ने इससे बचने और दलालों को पकड़ने के लिए सिविल ड्रेस में सुरक्षाकर्मियोंं की तैनाती करने का फैसला किया है।
एम्स प्रशासन ने मुख्य अस्पताल, कैंसर सेंटर, कार्डियक न्यूरो सहित सभी सेंटरों में सिविल ड्रेस में सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं, ताकि दलालों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया जा सके।
गौरतलब है कि एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन तकरीबन 15 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। जिसकी वजह से मरीजों को एम्स में इलाज के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। ओपीडी से लेकर, जांच व सर्जरी तक के लिए मरीजों को लंबी तारीखें दी जाती है। ऐसे में मरीज जल्दी इलाज के चक्कर में दलालों का शिकार हो जाते हैं। दलाल मरीजों को जल्दी इलाज कराने का झांसा देकर उनसे पैसा वसूल करते हैं। बड़ी संख्या में विभिन्न डायगनोस्टिक लैब के एजेंट भी सक्रिय रहते हैं जो मरीज को सस्ते शुल्क पर जांच कराने का भरोसा देकर निजी लैब में ले जाते हैं। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीजों को भारी नुकसान का उठाना पड़ता है।
उल्लेखनिय है कि अस्पताल में जगह-जगह पोस्टर चस्पा कर मरीजों को सलाह दी गई है कि वे किसी दलाल के बहकावे में आकर पैसा न दें। एम्स अपनी सेवाओं के लिए अधिकृत काउंटर से बिल जारी करता है। शुल्क हमेशा काउंटर पर ही जमा कराएं। इसके अलावा ओपीडी में सिविल ड्रेस में तैनात सुरक्षा कर्मी दलालों पर नजर रख रहे हैं। ताकि मरीजों से कोई गलत तरीके से पैसा वसूल न करने पाए।