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G20 Hospital Emergency: दिल्ली के तीन बड़े अस्पतालों में बने स्पेशल जोन, डॉक्टरों ने ली सेना की मदद

• LAST UPDATED : September 8, 2023

India News(इंडिया न्यूज़)G20 Hospital Emergency: दिल्ली में आज से जी-20 जोरो-शोड़ो से मनाया जा रहा है। ऐसे में दिल्ली के 3 बड़े अस्पतालों से विशेष सुचना सामने आई है। बता दे कि दिल्ली में जी-20 के दौरान अगर कोई मरीज बीमार होते है तो उसके लिए स्पेशल जोन तैयार किया गया है। जानकारी के मुताबिक इस जोन को बनाने के लिए अस्पताल के डॉक्टरों के साथ आर्मी की भी मदद ली गई है। इस दौरान मरीजों को बेहतर उपचार दिया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक दिल्ली के एम्स, सफदरजंग, डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में खास उपचार दिया जाएगा। आर्मी के अधिकारी अपने साथ उपचार वाले यंत्र भी लाए हैं, जिसकी मदद से तुरंत रिएक्शन की जांच हो जाएगी और जांच के आधार पर उपचार भी जल्द शुरू कर दिया जाए। आर्मी को जैविक, रसायनिक व न्यूक्लियर आपदा से निपटने की ट्रेनिंग दिया जाता है।

सफदरजंग अस्पताल में लगाए 12 आईसीयू बेड 

सफदरजंग अस्पताल में भी स्पेशल जोन बनाया गया है। इस सेंटर फॉर केमिकल डिजास्टर में किसी भी प्रकार के रासायनिक परेशानी पीड़ित को इलाज देने के लिए पूरी व्यवस्था की गई है। यहां पर स्पेशल जोन भी बनाया गया है जिसमें आर्मी के डॉक्टर सभी उपकरण के साथ शामिल हैं। सफदरजंग अस्पताल ने किसी भी प्रकार की रासायनिक परेशानी से निपटने के लिए 12 आईसीयू बिस्तरों का वार्ड तैयार किया गया है।

आरएमएल देगी जैविक हमले में इलाज की सुविधा

डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में मरीज को पहले संक्रमण मुक्त किया जाएगा। इसके बाद खास डिजास्टर वार्ड में भर्ती किया जाएगा। अस्पताल ने मरीजों की तुरंत जांच के लिए सभी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई हैं। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में जैविक हमले से पीड़ित लोगों का इलाज किया जाएगा। अस्पताल के डॉक्टरों ने इमरजेंसी के पास आर्मी के साथ मिलकर संक्रमण की रोकथाम के लिए खास जोन बनाया गया है। यहां पर वीवीआईपी लोगाें के लिए 10 बेड और 40 अतिरिक्त बेड की सुविधा तैयार की गई है।

एम्स में मिल रही 50 बिस्तरों की सुविधा 

एम्स के एमएस डॉ. संजीव लालवानी ने बताया कि जी-20 के लिए 50 बेड की सुविधा दी जाएगी। यह बेड इमरजेंसी-2 और ट्रामा सेंटर में हैं। इनमें आईसीयू समेत अन्य सुविधाएं हैं। ट्रामा सेंटर में आर्मी के साथ मिलकर न्यूक्लियर परेशानी से निपटने के लिए सीबीआरएनई सेंटर बनाया गया है। इसमें आर्मी के डॉक्टर और अन्य स्टाफव भी शामिल हैं। यहां आने के बाद मरीज को पहले डिकन्टामिनेशन किया जाएगा। उसके बाद ही मरीज को अंदर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा।

इलाज के कुछ प्रोटोकॉल

मरीजों को सीधा अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में लाया जाएगा। मरीज को अस्पताल में बने विशेष आर्मी वार्ड में लाया जाएगा। संक्रमण को दूर करने के लिए दिया जाएगा शावर। हटाए जाएंगे मरीज के सारे कपड़े, दूर किया जाएगा किसी भी प्रकार का संक्रमण। मरीज के शरीर पर किसी भी प्रकार के रिएक्शन की होगी जांच। मरीज का बीपी, पल्स, हार्ट रेट, सांस लेने की प्रकिया, चलने की गति व अन्य की होगी जांच। जांच के बाद जरूरत के आधार पर आईसीयू या अन्य वार्ड में मरीज होगा शिफ्ट। वार्ड या आईसीयू में शिफ्ट होने के बाद बीमारी के आधार पर होगा उपचार।

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