India News(इंडिया न्यूज़) G20 Preparation: G20 मे आने वाले मेहमानों के लिए राजधानी दिल्ली को पिछले कई महीनों से साजाया जा रहा है। अब G20 सम्मेलन के शुरू होने मे कुछ ही दिन बचे हैं। जिसके लिए केन्द्र सरकार और राज्य सरकार से लेकर MCD, NDMC, CPWD, PWD तमाम एजेंसियां दिन-रात एक कर साफ सफाई से लेकर दिल्ली को साजने संवारने मे जुटे हुए हैं। जी-20 के दौरान अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के सामने नई दिल्ली को बेहतरीन रूप में दिखाने के लिए जोर शोर से तैयारी चल रही है। जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान मेहमानों के आवागमन वाले मार्गों और उनके ठहरने के लिए तय किए गए होटलों व आयोजन स्थलों के आसपास विभिन्न परिसरों की टूटी दीवार, रेलिंग, जर्जर बिल्डिंग और दिल्ली की खूबसूरती पर लगे दाग दिखाई नहीं देंगे।
इसी तरह उनके आवागमन वाले मार्गों और होटलों व आयोजन स्थल के आसपास मलबा, कबाड़, कूड़ा आदि सामान भी पड़ा हुआ दिखाई नहीं देगा। सजाने-संवारने से वंचित रहने वाले स्थानों को होर्डिंग लगाकर छिपाया जाएगा। जी-20 शिखर सम्मेलन की तैयारियों के सिलसिले में उपराज्यपाल वीके सक्सेना कई दिन से नई दिल्ली इलाके में मेहमानों के आवागमन वाले रास्तों के साथ-साथ उनके ठहरने के लिए तय किए गए होटलों और सम्मेलन के आयोजन स्थल के आसपास के इलाकों का निरीक्षण कर रहे हैं। इस मौके पर एनडीएमसी व पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने बताया कि टूटी पड़ी दीवारें व रेलिंग और जर्जर बिल्डिंग उनके अधीन नहीं हैं। इस कारण एक ओर वह उनको सही नहीं कर सकते हैं, दूसरी ओर उनको सही करने में काफी समय लगेगा। भैरों मार्ग के मध्य खाली इलाके को भी विकसित करने में हाथ खड़े कर दिए।
एनडीएमसी ने बंदरों की समस्या से निपटने के लिए भी होर्डिंग का सहारा लेने का निर्णय लिया है। सरदार पटेल मार्ग पर रिज एरिया की ओर होर्डिंग लगाए जाएंगे। दरअसल इस रोड पर कई होटल हैं। रिज रोड की ओर सेे सरदार पटेल मार्ग पर बंदर आते रहते हैं। ऊंचे होर्डिंग लगने से बंदरों का उनके ऊपर से आना आसान नहीं होगा।
जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। कुछ जगहों पर कुछ काम बाकी हैं जिसे एक-दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 31 अगस्त को इन कार्यों को लेकर समीक्षा बैठक बुलाई है। बता दें कि उपराज्यपाल ने सभी संबंधित विभागों-एजेंसियों के प्रतिनिधियों और एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय निगरानी समितियों का गठन किया है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जमीनी स्तर पर सभी कार्य संबंधित एजेंसियों द्वारा पूरे किए जा सकें। अब तक इन समितियों की पांच बैठकें हो चुकी हैं।