India News(इंडिया न्यूज़)G20 Special: 8 सितंबर से लेकर 10 सितंबर तक देश की राजधानी दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। आयोजन को सफल बनाने के लिए सरकार जी जान से जुटी है। दुनियाभर के नेता भारत की अध्यक्षता में होने जा रहे G-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए राजधानी में होंगे। G20 मे आने वाले मेहमानों के लिए राजधानी दिल्ली को पिछले कई महीनों से साजाया जा रहा है। अब G20 सम्मेलन के शुरू होने मे कुछ ही दिन बचे हैं। विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम अपने-अपने स्तर पर तैयारियां कर रहे हैं। जी-20 के दौरान अंतरराष्ट्रीय मेहमानों के सामने नई दिल्ली को बेहतरीन रूप में दिखाने के लिए जोर शोर से तैयारी चल रही है।
जी-20 शिखर सम्मेलन को यादगार बनाने के लिए भारतीय संगीत को पहुंचाने के लिए भारत मंडपम में संगीत का धारा सुनने को मिलेगी। जी-20 में अतिथियों को 9 को रात के खाने के वक्त ‘भारत-वाद्य-दर्शनम’ थीम पर दुर्लभ वाद्ययंत्रों की प्रस्तुति देखने को मिलेगी। इसमें प्राचीन काल से अब तक के के संगीत सुनाए जाएंगे।
छिड़ेगी रागों के तार
आज शाम से संगीत के रागों के तार छिड़ेंगे। इसमें प्राचीन काल से अब तक के के संगीत सुनाए जाएंगे। बता दे कि इसे पूरे देश से अलग-अलग आयु वर्ग के कलाकार अपनी पारंपरिक पोशाक में प्रस्तुति दिखाएंगे। केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीनस्थ संस्था संगीत नाट्य अकादमी ने विदेशी मेहमानों के लिए आजादी के 77वें अमृतकाल महोत्सव में खास तौर पर यह दुर्लभ वाद्य यंत्रों पर प्रस्तुति तैयार किया गया है। इसमें 34 हिंदुस्तानी संगीत वाद्ययंत्रों का प्रस्तुति किया गया है। इसमें 18 कर्नाटक संगीत वाद्ययंत्र और 26 राज्यों के 26 लोक संगीत वाद्ययंत्र शामिल रहेंगे। इसमें वाद्ययंत्र, जनजातीय वाद्ययंत्र, शास्त्रीय संगीत वाद्ययंत्रों के साथ-साथ लोक वाद्ययंत्र का एक सुंदर ध्वनि भी शामिल किया जाएगा। यह भारत ही नहीं दुनिया में सबसे खास और अनोखी समूह प्रस्तुति होगी।
दिखेगी संगीत की जुगलबंदी
यहां पर हिंदुस्तानी संगीत, कर्नाटक संगीत, लोक और समकालीन संगीत की जुगलबंदी दिखेगी। दुर्लभ वाद्ययंत्रों में भपंग, सुरबहार, सुरश्रृंगार, जलतरंग, नलतरंग, विचित्र वीणा, रुद्र वीणा, सरस्वती वीणा, धांगली, सुंदरी, दिलरुबा, तार शहनाई आदि वाद्ययंत्रों को पेश किया जाएगा। इसके अलावा श्रोताओं को मृदंग, वांसुरी, वीणा, संतुर, सरोद, वायलिन, ढाेलकी, सारंगी, रबाब, ढोलक, तबला, पखबाज, तार शहनाई, खरताल, ड्रम आदि की जुगलबंदी भी देखी जाएगीभारत की संगीत यात्रा के दौरान 3 घंटे की प्रस्तुति में मेहमानों को 1-1 घंटे की तीन प्रस्तुति में विभिन्न राज्यों के पारंपरिक संगीत से रूबरू कराया जाएगा। इसमें सबसे खास प्रस्तुति राग मालकौन्स में दुर्लभ वाद्ययंत्र जैसे रुद्र वीणा, विचित्र वीणा, मट्टा कोकिला वीणा आदि पर जुगलबंदी खास होगी। इसके बाद राग भैरवी में मिले सुर, मेरा तुम्हारा …से इस कार्यक्रम को समाप्त किया जाएगा।
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