सम्मेलन के आयोजन जगहों से एम्स, सफदरजंग, डॉ. राममनोहर लोहिया, आर्मी अस्पताल, लेडी हार्डिंग, लोकनायक समेत दुसरे अस्पतालों तक स्पेशल ग्रीन कॉरिडोर बनाया जाएगा। इनकी मदद से पीड़ित को ज्यादा से ज्यादा 10 मिनट में अस्पताल पहुंचा दिया जाएगा। एंबुलेंस को पोर्टेबल जांच मशीनों से लैस किया जा रहा है। बता दे कि लोग आधुनिक सुविधाओं से लैस एडवांस एंबुलेंस का इस्तेमाल कर सकेंगे।
अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इन सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों के साथ कृत्रिम बुद्धिमता व एडवांस तकनीक का भी इस्तेमाल होगा। लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि कैजुअल्टी को बेहतर बनाया गया है। जी-20 सम्मेलन के लिए डॉक्टरों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें बताया जा रहा है कि यदि किसी भी व्यक्ति को अस्पताल में लाना पड़ता है तो कम से कम समय में कैसे मरीज को बेहतर उपचार दिया जाए। इसमें आधुनिक जांच मशीनों का भी इस्तेमाल होगा। आईसीयू बेड को भी अपग्रेड किया है।
दिल्ली सरकार की कैट्स के साथ मिलकर एंबुलेंस की सुविधा दे रही मेडुलेंस हेल्थकेयर के सह संस्थापक रवजोत सिंह अरोड़ा ने बताया कि सम्मेलन में तैनात की जाने वाली सभी एंबुलेंस सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली उन्नत कार्डियक लाइफ सपोर्ट वाली हैं जो सभी प्रकार की आपात स्थितियों के लिए तैयार हैं। इनमें जरूरी दवाइयां व उपकरण होंगे।
अस्पतालों में स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं हैं। इसे लेकर डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के निदेशक व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शुक्ला ने एक आदेश जारी करते हुए बताया कि 7 से 10 सितंबर तक सभी छुट्टियां खारिज़ कर दिया गया है। जी-20 सम्मलेन को देखते हुए इस वक्त कोई भी छुट्टी नहीं दिया जाएगा।
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