-1965 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध में भारतीय सेना की जांबाजी पर मनाया जाता है शौर्य दिवस
इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Gallantry Day : गांव कादरपुर स्थित सीआरपीएफ कैंप में शनिवार को शौर्य दिवस धूमधाम से मनाया गया। आज ही के दिन 1965 युद्ध के दौरान कच्छ सीमा पर जब पाकिस्तान की एक ब्रिगेड ने सीआरपीएफ की दो कंपनियों पर आक्रमण कर दिया था, तब इन टुकडि?ों ने भारतीय सेना की ओर से मदद पहुंचने तक पाकिस्तान की पूरी ब्रिगेड के हमले को नाकाम करते हुए उन्हें लगभग 12 घंटे तक रोके रखा। इस हमले में सीआरपीएफ के 6 जवान शहीद हो गए थे, जबकि उन्होंने पाकिस्तान के 34 जवान मार गिराए थे।
गुरुग्राम स्थित सीआरपीएफ कैंप में पुलिस उप-महानिरीक्षक सुनील जून द्वारा शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि चढ़ाकर वीर बलिदानियों को नमन किया व गार्ड की सलामी ली। इस अवसर पर उन्होंने सीआरपीएफ के बलिदान की महान परंपरा को याद किया व सभी जवानों को सीआरपीएफ की द्वितीय बटालियन के शौर्य पूर्ण कार्य का अनुसरण करने का आवाहन किया। श्री जून ने यह भी कहा कि आज सीआरपीएफ दुनिया का सबसे बड़ा अर्ध सैनिक बल है।
जिस प्रकार से उसे पूरे भारत का विश्वास हासिल है, यह केवल हमारे वीर बलिदानियों के पराक्रम द्वारा ही संभव हो सका है। हम सभी को देश हित में बड़ी से बड़ी कुबार्नी देने के लिए तत्पर रहना चाहिए। इस अवसर पर रजनीश अहलावत कमांडेंट, एएच अंसारी कमांडेंट, आर. जय कुमार कमांडेंट समेत अनेक अधिकारी, जवान उपस्थित रहे।
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