India News(इंडिया न्यूज़)Gandhi Jayanti 2023: 2 अक्टूबर को गांधी जयंती है। स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी की भूमिका को कई पीढ़ियों तक याद रखा जाएगा। बापू और अनेक वीर सपूतों के अथक प्रयासों से ही भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजादी मिली। भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे महान नेता थे। हजारों लोग गांधीजी को अपना आदर्श मानते हैं लेकिन एक जगह ऐसी भी है जहां बापू को भगवान की तरह पूजा जाता है, मंदिर में गांधीजी की मूर्ति स्थापित की गई है। आइए गांधी जयंती पर जानते हैं उनके इस अनोखे मंदिर की खासियत।
महात्मा गांधी का यह मंदिर मंगलुरु के गरोड़ी, श्री ब्रह्मा बैदरकला इलाके में बना है। इस मंदिर में महात्मा गांधी के अनुयायी तीन बार सुबह 6 बजे, दोपहर 12 बजे और शाम 7:30 बजे उनकी पूजा करते हैं। इसके साथ ही गांधीजी की प्रतिमा के पास हर दिन दीपक जलाया जाता है।
वर्ष 1948 में यहां गांधीजी की मिट्टी की मूर्ति स्थापित की गई थी। इसके बाद साल 2006 में संगमरमर की मूर्ति स्थापित की गई। महात्मा गांधी के अनुयायी इस मंदिर में आते हैं और उनके दिखाए रास्ते (सत्य और अहिंसा) पर चलने का संकल्प लेते हैं। गांधी जयंती के दिन इस मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है, जिसमें फल और मिठाइयों के अलावा बापू को ब्लैक कॉफी का भोग लगाया जाता है। बाद में इसे लोगों के बीच बांट दिया जाता है
ऐसा माना जाता है कि जब गांधी जी वर्धा में रहने लगे तो एक जापानी बौद्ध भिक्षु प्रार्थना से पहले उनके कुछ मंत्रों का जाप किया करते थे। उनकी याद में बापू ने अपनी प्रार्थना में एक बौद्ध मंत्र शामिल किया, जिसका वे प्रतिदिन जाप करते थे।
हरि ओम
ईशावास्यम् इदं सर्वम्।
यत् किं च जगतायन जगत्
तेन त्यक्तेन भुंजीथा
मा गृधः कस्यस्विद धनम्।
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