Ghaziabad roof collapse: गाजियाबाद छत गिरने के मामले में पुलिस और आम लोगों की त्वरित कार्रवाई के बाद 8 लोगों की जिंदगी को बचा लिया गया है। पुलिस और स्थानीय ने मिलकर बीती देर रात करीब साढ़े ग्यारह बजे तक फंसे हुए लोगों को निकालने में जुटे रहे। घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस 8 लोगों को जिंदा निकालकर अस्पताल पहुंचाने में कामयाब रही।
जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के लोनी के औद्योगिक क्षेत्र रूपनगर में फैक्टरी की छत का काम किया जा रहा था। 13 मजदूर काम कर रहे थे। छह छत पर थे बाकी नीचे। तभी अचानक दीवारें ढह गईं और अगले ही पल लिंटर धड़ाम से गिर पड़ा। आसपास के मजदूर चीखते हुए भागने लगे। देखते ही देखते इमारत मलबे के ढेर में तबदील हो गई। इसमें दबे मजदूरों की जोर से चीख सुनाई देने लगी, बचाओ…बचाओ। करीब एक घंटे तक 11 मजदूरों की ये चीखें गूंजती रहीं। क्योंकि मलबा ज्यादा होने के कारण आम लोगों को शुरुआत में ज्यादा कुछ समझ नहीं आ रहा था, लेकिन प्रशासन पहुंचने के बाद स्थानीय की मदद से सभी फंसे लोगों को बाहर निकाला जा सका।
पुलिस ने हादसे में दो लोगों की मौत की पुष्टि की है। जिन्हें मलबा गिरने के बाद सबसे गंभीर चोटें आई थी। घटना के वक्त मौजूद रूपनगर में रहने वाले जमील ने बताया कि छत का लिंटर गिरते ही सबसे पहले पहुंचे लोगों में वह भी शामिल था। वहां कई लोग मलबे में दबे थे। पांच लोग बुरी तरह चीख रहे थे। ये मलबे में ऊपर की तरफ थे। ये लोग छत के साथ ही गिरे थे। उन तक पहुंचना बहुत मुश्किल था। उनके ऊपर भारी पिलर लटके हुए थे, जो कभी भी गिर सकते थे। अगर उन पांच लोगों को वहां से निकालने में थोड़ी सी देर और हो जाती तो उनकी जिंदगी बच पाना मुश्किल था। पिलर गिरते ही कुछ भी हो सकता था। आसपास के लोगों ने पुलिस के आते ही बचाव अभियान शुरू कर दिया। लोगों ने हाथ से मलबे से पत्थरों को हटाया और उन पांचों को बाहर निकाला। उन्हें अस्पताल ले जाया गया। उनकी जान बच गई। पांचों को गुरु तेग बहादुर अस्पताल रेफर किया है। वहीं इस हादसे में गाजियाबाद डेवलपमेंट ऑथारिटी(जीडीए) का सुपरवाइजर शेर सिंह को सस्पेंड कर कर दिया गया है। इससे अलावा डीएम ने प्रकरण की मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दिये हैं।