इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
Ghazipur Landsite Fire Case : दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दो दिन पहले गाजीपुर लैंडफिल साइट पर भीषण आगजनी के लिए बुधवार को डीपीसीसी को ईडीएमसी पर 50 लाख रुपए का जुमार्ना लगाने और घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि एमसीडी की लापरवाही से गाजीपुर लैंडफिल साइट में आग लगी। उन्होंने बताया कि डीपीसीसी ने आज आग लगने के कारणों की डिटेल रिपोर्ट सबमिट की, जिसमें एमसीडी द्वारा पर्यावरण संरक्षण के मानदंडों में बड़े पैमाने पर लापरवाही देखी गई। लैंडफिल साइट पर 25 के बजाए केवल 21 ट्रोमेल ही काम करते पाए गए। एंटी स्मॉग गन भी काम नहीं कर रहा था।
लैंडफिल साइट को मॉनिटर करने के लिए लगाए गए 24 सीसीटीवी कैमरे में से सिर्फ 17 कार्य करते हुए पाए गए हैं। सीपीसीबी ने निर्देश दिया कि लैंडफिल साइट के चारों तरफ बाउंड्री की जाए। लेकिन अभी तक बाउंड्री का काम पूरा नहीं हुआ है। दिल्ली सचिवालय में पर्यावरण विभाग, राजस्व, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, एमसीडी, फायर, एनडीएमसी सहित अन्य विभागों की संयुक्त बैठक 4 अप्रैल को बुलाई गई है, जिससे इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति की चेयरमैन आतिशी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति ने ईडीएमसी आयुक्त को यह पूछने के लिए तलब किया है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट को साफ करने और आग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। एमसीडी की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैए का खामियाजा लोग भुगत रहे हैं।
गोपाल राय ने कहा कि वहां पर बायो माइनिंग की प्रक्रिया चल रही है। जिससे कि इस तरह की आग लगने की संभावना कम हो सके। लेकिन वहां पर 25 के बजाए केवल 21 ट्रोमेल ही काम करते पाए गए। इसके अलावा एंटी स्मॉग गन जो कि अनिवार्य है, वह लगा है, लेकिन काम नहीं कर रहा है। इस साइट को मॉनिटर करने के लिए 24 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। जिनमें से सिर्फ 17 कार्य करते हुए पाए गए हैं।
यह सीसीटीवी कैमरे इस वजह से लगाए जाते हैं, ताकि अगर कोई आग लगे तो तुरंत संज्ञान में आए। उसको तुरंत नियंत्रित किया जा सके। लगभग 400 वर्ग मीटर तक आग लगी और फैल गई। 48 घंटे हो गए आग बुझने के बाद भी वहां से लगातार गैस और धुआं निकल रहा है। सीपीसीबी ने निर्देश दिया था कि उस लैंडफिल साइट के चारों तरफ बाउंड्री की जाए। लेकिन अभी तक बाउंड्री का काम पूरा नहीं हुआ है। इससे बाहर से कोई अनाधिकृत व्यक्ति आकर वहां इस तरह की घटना को अंजाम ना दे सके।
दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति की चेयरमैन और विधायक आतिशी ने कहा कि विधानसभा की पर्यावरण समिति ने गाजीपुर लैंडफिल साइट आग मामले में ईडीएमसी कमिश्नर और डीपीसीसी के चेयरमैन को समन जारी किया है। ईडीएमसी आयुक्त को यह पूछने के लिए तलब किया है कि गाजीपुर लैंडफिल साइट को साफ करने और आग को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
एमसीडी की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैए का खामियाजा लोग भुगत रहे हैं। इसके साथ ही कमेटी के सामने 4 अप्रैल को पेश होने से पहले ईडीएमसी के कमिश्नर से 6 सवालों के जवाब भी मांगे गए हैं। आतिशी के निर्देश पर ईडीएमसी कमिश्नर को गाजीपुर लैंडफिल साइट पर रोजाना लाए जा रहे कूड़े की मात्रा बताने को कहा है।
इसके अलावा रोजाना किए जा रहे कूड़े के निस्तारण की मात्रा बताने, गाजीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग का कारण बताने, पिछले 2 साल में कितनी बार गाजीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग का आंकड़ा बताने, आग की घटनाओं को रोकने के लिए किए गए इंतजामों की जानकारी देने और लैंडफिल साइट को साफ करने करने के लिए उठाए गए कदम व इसे पूरी तरह साफ करने में लगने वाले समय के बारे में बताने के निर्देश दिए हैं। (Ghazipur Landsite Fire Case)
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