वहीं बाघिन और उसके शावकों को सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रखा जा रहा है और नियमित रूप से चिड़ियाघर के कर्मचारियों द्वारा निगरानी की जा रही है। वहीं, करीब 18 साल बाद राजधानी के चिड़याघर में नन्हें शावकों का आना हुआ है। इससे पहले 16 जनवरी 2005 को चिड़ियाघर में रायल बंगाल बाघिन ने शावकों का जन्म दिया था।

फिलहाल चिड़ियाघर में चार रायल बंगाल टाइगर हैं। इसमें एक बाघ करण और तीन बाघिन सिद्धि, अदिति और बरखा हैं। राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (दिल्ली चिड़ियाघर) 1959 में अपने उद्घाटन के बाद से बाघों का आवास रहा है। 14 मई, 1969 को जूनागढ़ चिड़ियाघर से शेर का पहला जोड़ा भी एक जोड़ी बाघ शावकों के बदले में प्राप्त हुआ था।

2010 में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने गंभीर रूप से लुप्तप्राय जंगली जानवरों की प्रजातियों का एक समन्वित नियोजित संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम शुरू किया।

Also Read: Delhi Zoo News: दिल्ली चिड़ियाघर का रेप्टाइल हाउस हुआ ओपन, जानिए क्या होगा खास