इंडिया न्यूज, नई दिल्ली। स्कूलों-सरकारी संस्थानों में फलदार व बट्ट वृक्ष लगाए की जरूरत है। उक्त बातें वैद्य सत्य प्रकाश ने कही। उन्होंने कहा कि भारत में हर दूसरा बच्चा किसी न किसी रूप में कुपोषण से ग्रस्त है। एक अनुमान के अनुसार देशभर में 33 लाख से अधिक बच्चे कुपोषित हैं।
देश के बच्चों को कुपोषण की गंभीर समस्या से बचाने के लिए सरकार को स्कूलों व सरकारी संस्थानों में फलदार व बट्ट वृक्ष लगाने की जरूरत है। इसके साथ ही सरकार को कुपोषण दूर करने के लिए आयुर्वेद विशेषज्ञों व वैद्यों का परामर्श लेना चाहिए। यह कहना है नाड़ी वैद्य एवं नाड़ी कायाकल्प के संस्थापक वैद्य सत्य प्रकाश आर्य का।
उन्होंने कहा कि कहा कि सरकार जब बच्चों में कुपोषण, खून की कमी को दूर करने और पर्यावरण को बचाने के लिए योजनाएं बनाती है तो उसे वैद्यों एवं आयुर्वेद विशेषज्ञों से परामर्श करके योजना बनानी चाहिए तभी भारत में कुपोषण की समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है। वैद्य सत्यप्रकाश का कहना है कि देश के भावी पीढ़ी यानी बच्चों को कुपोषण से बचाना है एवं सरकार कुपोषण को रोकना चाहती है तो सरकार को आयुर्वेद का सहारा लेना पड़ेगा एवं प्राकृतिक रूप से जड़ से कुपोषण को खत्म कर भारत के सुंदर भविष्य का निर्माण करना होगा।
वैद्य सत्यप्रकाश ने कहा कि आयुर्वेद का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है जबिक स्कूलों में दी जा रही आयरन की गोलियों का साइड इफेक्ट देखा जाता है। बच्चों को खान पान के माध्यम से आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। जिन बच्चों में आयरन की कमी है उन्हें काले लोहे की कढ़ाई में मूंग की दाल उबालकर उसकी पानी पिलाना चाहिए एवं शाम को भूना हुआ चना गुर के साथ खिलाना चाहिए।
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