इंडिया न्यूज, गुरुग्राम Rain news। सोमवार को वर्ष 2022 की पहली मूसलाधार बारिश में मिलेनियम सिटी गुरुग्राम जलमग्न हो गया। मूसलाधार बारिश और आंधी ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया। शहर में कई प्रमुख चौक-चौराहों, अंडरपास के अलावा कालोनियों के सड़कों व गलियों में जलभराव हो गया। इस जलभराव के साथ ही अधिकारियों द्वारा पूर्व में किए गए दावों की पोल पूरी तरह खुल गई।
सोमवार अल सुबह से ही पहले तेज आंधी-तूफान शुरू हुआ और उसके बाद मूसलाधार बारिश होने लगी। करीब डेढ़ घंटे तक हुई बारिश का पानी जमा होता गया। देखते ही देखते सड़कों पर पानी कई फुट भर गए। बारिश से पूर्व अधिकारियों ने जलभराव नहीं होने का दावा सरकार के समक्ष किया था तथा कई जगह पर स्वयं अधिकारी मौके पर जाकर जल निकासी की व्यवस्था देखी थी तथा इसके बाद दावा किया था कि इस बार शहर में कहीं भी जलभराव नहीं होगा। लेकिन बारिश में स्थिति ठीके इसके उलट नजर आई।
गुरुग्राम नगर निगम के गांव बसई में भरा बरसाती पानी।
हर बार की तरह इस बार भी बारिश में पुलिसकर्मियों ने कड़ी मेहनत की। जलभराव वाली जगह हो या आम सड़क सभी चौक-चौराहे पर पुलिस तैनात दिखे। डीसीपी यातायात रविंद्र कुमार तोमर ने बताया कि बारिश के दौरान क्रेन के साथ करीब 2500 से अधिक यातायात पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी।
हनुमान चौक, सेक्टर-18 रोड, नरसिंहपुर, झाड़सा क्रॉसिंग, सरहोल मोड़, सेक्टर-29, सेक्टर-44 रोड, सेक्टर-38, सेक्टर-50, राजीव चौक, महावीर चौक, शीतला माता रोड, सिविल लाइंस, गोल्फ कोर्स रोड आदि स्थानों पर अधिक जलभराव रहा। बसई गांव भी पूरी तरह से जलमगन हो गया। वहां चाहे मुख्य मार्ग हो या श्मशान घाट रोड, हर जगह पर पानी ही पानी नजर आया। यह हालत तो तब है जब यहां पर गत वर्ष ही बड़ी जलनिकासी की लाइन लगाई गई है। उसके बाद भी यहां लोगों को पानी से गुजरना पड़ा, जिससे ग्रामीणों में गुस्सा रहा।
गुरुग्राम में एमजी रोड मेट्रो स्टेशन के पास टूटा पेड़।
गुरुग्राम में हुई भारी बारिश के बाद जिला प्रशासन और गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए) की सतर्कता और सजगता से इस बार बरसाती पानी ज्यादा देर सड़कों पर जमा नहीं रहा और इसकी निकासी जल्द संभव हो पाई। यह दावा जिला प्रशासन की ओर से किया गया है। जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुधीर राजपाल के मार्गदर्शन में जीएमडीए का अमला काम कर रहा था।
वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन ने जल निकासी के प्रबंधों की बागडोर स्वयं उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने संभाल रखी थी। उपायुक्त शहर में जल भराव की स्थिति और बरसाती पानी के निकासी के प्रबंधों का जायजा लेने के लिए फील्ड में उतरे। उन्होंने पिछले वर्षों के अनुभव के आधार पर उन स्थलों का निरीक्षण किया जहां पर जलभराव होता रहा है। डीसी ने सेक्टर-10ए व उमंग भारद्वाज चौक का निरीक्षण किया। उन्होंने हीरो होंडा चौक के नजदीक राष्ट्रीय राजमार्ग-48 के नीचे से गुजरने वाली बादशाहपुर ड्रेन की लेग थ्री कलवर्ट क्रॉसिंग से हो रही पानी की निकासी का जायजा लिया।
उपायुक्त ने नरसिंहपुर क्षेत्र में बरसात के समय गुरुग्राम से जयपुर की तरफ जाने वाली सर्विस लेन व हाइवे की मुख्य लेन का भी जायजा लिया। जीएमडीए के अधिकारियों ने यहां जलनिकासी के लिए किए गए प्रबंधों की जानकारी देते हुए बताया कि पूर्व में यहां पानी की निकासी के लिए दो पम्पों की व्यवस्था थी लेकिन उपायुक्त द्वारा अप्रैल माह में फील्ड विजिट के दौरान दिए गए निदेर्शों के उपरांत पानी की निकासी के लिए यहां तीन अतिरिक्त पम्पों की व्यवस्था की गई है। ताकि जल निकासी यथा शीघ्र हो सकें।
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