इंडिया न्यूज, नई दिल्ली : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उनका राज्य जातिगत व्यवस्था और भ्रष्टाचार से मुक्त हो रहा है। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण बिना किसी भेदभाव के हरियाणा के सभी क्षेत्र और लोगों के विकास की मंशा है। हमने एक हरियाणा, हरियाणवी एक का नारा दिया। इसका लाभ भी मिला, भेदभाव में कमी आई है।
आज हमारा युवा समाज का एक बड़ा हिस्सा ऐसा तैयार हो चुका है जो, जाति को विकास में बाधा मानता है। लोगों में भी जागरूकता बढ़ी है। वैसे, राजनीति में अपने स्वार्थ के लिए लोग जाति का सहारा लेते हैं, लेकिन पिछले आठ साल में जातिगत नेता पीछे रह गए हैं। जातिगत विषय अब पीछे होता जा रहा है। हमारा मकसद है कि लोग खुश रहें। इसी तरह शासन प्रशासन में तकनीक के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल ने भ्रष्टाचार को कम करने में मदद की। उक्त बातें चाणक्यपुरी स्थित अशोक होटल में पांचजन्य और आर्गनाइजर पत्रिका के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें डा. हेडगेवार यूनिवर्सिटी से संस्कार मिले हैं, ऐसे में हरियाणा की पहचान बदलने में काफी सहायता मिली है।
उन्होंने कहा कि हमारे छोरे ही नहीं बल्कि छोरियां भी खेल के मैदान में लट्ठ गाड़ रही हैं। हरियाणा देश ही नहीं बल्कि दुनिया में भी ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने वाले को सबसे ज्यादा नकद ईनाम देने में अव्वल है। हम गोल्ड लाने वाले अपने खिलाड़ी को छह करोड़ रुपये जबकि सिल्वर या ब्रॉन्ज लाने वाले को 2.5 या तीन करोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि हर किसी से, यहां तक कि अपने विरोधी से भी कुछ सीखने को मिलता है तो मैं पीछे नहीं हटता। मैं तमिल और जापानी भाषा भी बोल सकता हूं। इसके लिए मैंने ट्यूटर भी रखा था। इससे कामकाज में भी मदद मिलती है।
यह भी पढ़ें: दिल्ली में गर्मी से राहत, इतने दिन रहेगी की बारिश
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube