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High Court: अब नाबालिगों को ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ के अलावा ‘वर्चुअल टच’ भी सिखायें, HC ने की अपील

• LAST UPDATED : May 7, 2024

India News Delhi(इंडिया न्यूज़), High Court: दिल्ली हाई कोर्ट ने आज एक महिला (कमलेश देवी) की जमानत याचिका को खारिज करते हुए कहा कि आज के डिजिटल युग में नाबालिगों को ‘वर्चुअल टच’ के बारे में भी जागरूक किया जाना चाहिए। उन्हें सिर्फ ‘गुड टच’ और ‘बैड टच’ के बारे में पढ़ाना पर्याप्त नहीं है। इसमें वर्चुअल टच को लेकर उन्हें उचित ऑनलाइन व्यवहार सिखाना, हिंसक व्यवहार के चेतावनी संकेतों को पहचानना और गोपनीयता सेटिंग्स और ऑनलाइन सीमाओं के महत्व को समझना शामिल है। महिला पर एक नाबालिग लड़की का अपहरण करने और उसे देह व्यापार में धकेलने के बाद उसके यौन उत्पीड़न में अपने बेटे की मदद करने का आरोप है।

High Court: कोर्ट ने रखी अपनी राय

नाबालिगों को डिजिटल दुनिया में सही रवैया अपनाने के लिए कोर्ट ने आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि माता-पिता और शिक्षकों को इस मामले में नाबालिगों को जागरूक करने की जिम्मेदारी है। साथ ही, स्कूलों, कॉलेजों, दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और दिल्ली न्यायिक अकादमी जैसे संस्थानों को भी इस मुद्दे पर कार्यक्रम, कार्यशालाएं और सम्मेलन आयोजित करने का आदेश दिया गया है। यह नए डिजिटल आयाम में बच्चों की सुरक्षा और सही व्यवहार को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम है।

क्या है पूरा मामला

एक 16 वर्षीय लड़की के कथित अपहरण के मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इस मामले में, राजीव नामक व्यक्ति ने लड़की को सोशल मीडिया पर दोस्त बनाने के बाद उसका अपहरण किया था। इसके पश्चात, वह लड़की को मध्य प्रदेश ले जाकर कई दिनों तक बंधक रखा था, और उसके साथ यौन उत्पीड़न किया गया था।

कोर्ट ने इस मामले को देखते हुए यह आदेश जारी किया कि नाबालिगों को डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए माता-पिता और शिक्षकों को उन्हें जागरूक करने का जिम्मेदारी संभालना चाहिए। इसके साथ ही, स्कूलों, कॉलेजों, दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण और दिल्ली न्यायिक अकादमी जैसे संस्थानों को इस मामले पर कार्यक्रम, कार्यशालाएं और सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। इस संदेश के माध्यम से कोर्ट ने सामाजिक सुरक्षा के मामले में सख्ती दिखाई है और इस प्रकार की घटनाओं को रोकने की आवश्यकता को उजागर किया है।

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