India News Delhi (इंडिया न्यूज), High Court: दिल्ली HC ने स्कूली बच्चों को 15 मई तक किताबें नहीं मिलने पर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने बुधवार को चेतावनी दी कि सरकारी स्कूलों के छात्रों को किताबों की आपूर्ति करने में दिल्ली सरकार की विफलता के लिए शिक्षा विभाग के उप निदेशक को नोटिस जारी किया जाएगा। हम आपको बता दें कि राज्य सरकार की ओर से दाखिल रिपोर्ट के अनुसार, अभी तक 59 फीसदी स्कूलों में किताबें नहीं पहुंच पाई हैं।
अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि राज्य सरकार ने 2 मई को अपने हलफनामे में कहा था कि गर्मी की छुट्टियां शुरू होने से पहले 10 मई तक छात्रों को किताबें बांट दी जाएंगी, लेकिन 15 मई को दाखिल रिपोर्ट में उसने कहा है कि यह काम अब जुलाई तक पूरा होगा। इस पर अदालत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि सरकार का समय सीमा देना और फिर डेडलाइन का अनुपालन नहीं करना अच्छी बात नहीं है।
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने जुलाई महीने में गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूलों को फिर से खोलने का आश्वासन दिया कि छात्रों को उनकी किताबें मिल जाएंगी। इसके बाद अदालत ने कोई नोटिस जारी नहीं किया। कोर्ट ने मामले को जुलाई को सुनवाई के लिए सूची में डाला। सरकार ने बताया कि पाठ्यक्रम में बदलाव हो गया है, जिसके कारण पाठ्यपुस्तकों की आपूर्ति में कुछ देरी हो रही है। सोशल ज्यूरिस्ट नामक संगठन ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी जिस पर सुनवाई हो रही है।
याचिका में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सरकारी स्कूलों के बुनियादी सुविधाओं की कमी का मुद्दा उठाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अशोक अग्रवाल ने दलीलें रखी। 15 मई, 2024 को दाखिल रिपोर्ट के मुताबिक, 7,073 स्कूलों में से 4,215 स्कूलों (59.5%) को किताबों की आपूर्ति की जानी बाकी है। रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि सरकारी स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों की कुल मांग लगभग 1.08 करोड़ है लेकिन केवल 23.25 लाख किताबें (21.34%) ही आपूर्ति की गई हैं
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