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नई दिल्ली: लगातार बदलते मौसम के चलते दिल्ली के अस्पतालों में संक्रमण, टाइफाइड और आंत्रशोथ (गैस्ट्रोएंटेराइटिस) के मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि देखने को मिली है। दिल्ली के मूलचंद अस्पताल में श्वास रोग विशेषज्ञ डॉ. भगवान मंत्री का कहना है कि, “इन दिनों बहिरंग रोगी विभाग (ओपीडी) में प्रतिदिन 20 से अधिक मरीज आ रहे हैं, जिनमें श्वास नलिका में संक्रमण, बुखार, टाइफाइड, स्वाइन फ्लू, एलर्जी, निमोनिया और डेंगू के रोगी शामिल हैं।”
उन्होंने कहा, “पहले, ऐसे रोगियों की संख्या प्रति दिन 10 से कम थी, लेकिन अब हम इसमें तेज वृद्धि देख रहे हैं। संक्रमण सभी आयु समूहों में हो रहा है, लेकिन जब बुजुर्गों के श्वसन पथ में संक्रमण होता है, तो वह गंभीर रूप धारण कर लेता है।“
जानकारों की माने तो आमतौर पर हर साल मानसून के दौरान और बाद में संक्रामक रोगों का प्रकोप देखने को मिलता है। लेकिन इस साल कुछ अस्पतालों में ‘स्क्रब टाइफस’ और ‘लेप्टोस्पायरोसिस’ के मामले पिछले सालों की तुलना में अधिक संख्या में देखे जा रहे हैं। ‘स्क्रब टाइफस’ एक संक्रामक रोग है जो ‘ओरिएंटिया त्सुत्सुगामुशी’ नामक जीवाणु के कारण होता है। वहीं ‘लेप्टोस्पायरोसिस’ एक जीवाणु संक्रमण है जो चूहों और जीवों के मूत्र या मल के माध्यम से फैलता है।
फोर्टिस हॉस्पिटल, वसंत कुंज में सीनियर इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि, “डेंगू जो इस मौसम में नियमित तौर पर देखा जाता है, ओपीडी में आने वाले रोगियों में इन दिनों एक आम बीमारी है। इसके अलावा हमें टाइफाइड बुखार, तीव्र आंत्रशोथ, वायरल हेपेटाइटिस, ऊपरी श्वास नली में संक्रमण, स्वाइन फ्लू के कुछ मामले और कभी-कभी कोविड के मामले देखने को मिल रहे हैं।”
जानकारों की माने तो बेमौसम बारिश और अचानक मौसम बदलना इन मामलों में वृद्धि का एक कारण बड़ा कारण हो सकता है। छोटे बच्चों में भी बुखार, सांस फूलना, खांसी, बेचैनी जैसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं। वहीं सितंबर के महीने में हुई बेमौसम बारिश इन रोगियों की संख्या में वृद्धि का कारण हो सकती है।
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